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राजनैतिक भविष्यवाणी वर्ष 2018 के लिए : भारत के लिए 2018 का भविष्यफल

राजनैतिक भविष्यवाणी वर्ष 2018 के लिए : भारत के लिए 2018 का भविष्यफल

जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2018 भारत के लिए, देश के हर क्षेत्र पर क्या होगा नए साल का असर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर राहुल गांधी का कैसे गुजरेगा आने वाला नया साल। खेल जगत में क्या होगा नया। 

हमनें इस वर्ष में क्या खोया है और क्या पाया है क्या छूट गया है? वह क्या था जिससे हम पकड़ सकते थे आदि आदि। 2017 वैसे भी काफी अहम साल रहा है। नोटबंदी शुरु तो पिछले वर्ष यानि 2016 में हुई थी लेकिन व्यापक असर 2017 में ही पड़ा है। एक बड़ा घटनाक्रम जीएसटी का भी रहा है। कई राज्यों के राजनीतिक समीकरण भी काफी चर्चित रहे। राजनीति से लेकर फिल्म जगत से जुड़ी कुछ महान हस्तियों को भी इस साल में खोना पड़ा है। ज्योतिष के नज़रिये से भी शनि और राहु जैसे ग्रहों ने भी अपनी राशि इस साल में बदली जो काफी बड़ी घटना मानी गई। ग्रहों की इसी अदला बदली से लोगों का जन जीवन काफी प्रभावित हुआ। ऐसे में 2018 में ग्रहों की दशा व दिशा का क्या प्रभाव भारत पर पड़ेगा? 

आइये जानते हैं वर्ष 2018 में क्या कहती है भारत की कुंडली अनुसार राजनितिक स्थिति 

प्रचलित मान्यता सनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि का आरंभ चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ किया था तथा नव सम्वत् का प्रारंभ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। जलवायु और सौर प्रभावों का एक महत्वपूर्ण संगम इस समय के दौरान होता है। इस वर्ष गुड़ी पड़वा 18 मार्च 2018 (रविवार) को मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि की शुभ शुरुआत इसी दिन से होगी।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस विक्रम संवत् 2075 का राजा का पद सूर्य तथा मंत्री का पद शनि के पास तथा समय का निवास वैश्य के घर होने के कारण विश्व में अनावृष्टि कहीं कम कहीं अधिक, अकाल और राजाओं का परस्पर युद्ध होने के संकेत मिलते हैं। हमारे पड़ोसी मुस्लिम देशों की कुंडली में काल सर्प दोष होने के कारण मुस्लिम देशों के लिए नव सम्वत् अधिक पीड़ादायक सिद्ध होगा। 

हमारे देश भारत के भविष्य का निर्धारण इसके स्वतंत्रता की तारीख से किया जाता रहा है। संवत 2075 श्रावण शुक्ल 4 मंगलवार दिनांक 14-15 अगस्त 2018 की मध्यरात्रि में कर्क लग्न में भारत स्वतंत्रता के 72वें वर्ष में प्रवेश करेगा। लग्न से दशम भाव में मुंथा है। मुंथेश मंगल उच्च राशि में केंद्र में विराजमान है। मुंथा पर गुरु-मंगल की पूर्ण दृष्टि है। अतः यह वर्ष भारतीय लोकतंत्र के लिए प्रतिकारक व प्रतिष्ठाकारक रहेगा, लेकिन आंतरिक स्थितियों में वर्ष भर विरोध बना रहेगा। न सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पारिवारिक दृष्टि से भी कई विचलित करने वाली विरोधाभासी घटनाएं होंगी। नव वर्ष का आरंभ कन्या लग्न में हो रहा है जो कि भारत की राशि से देखा जाये तो तीसरा स्थान है। वर्ष लग्न स्वामी बुध हैं जो भारत की कुंडली के अनुसार पंचम घर के कारक हैं। कुल मिलाकर साल 2018 शिक्षा और नई तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी रह सकता है या अपना विशेष मुकाम हासिल कर सकता है। वर्ष लग्न के अनुसार लग्न स्वामी बुध पराक्रम भाव में विचरण करने से भारत अपने पराक्रम एवं मेहनत के बल पर विश्व में भी अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हो सकता है।

भारत की राशि के स्वामी चंद्रमा वर्ष कुंडली में भाग्य स्थान में उच्च के होकर गोचर कर रहे हैं। यह संकेत कर रहे हैं कि भारत को 2018 में भाग्य का भी पूरा साथ मिलने के आसार हैं। वर्ष कुंडली में चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में हैं तो लग्न स्वामी बुध ज्येष्ठा नक्षत्र में यह संकेत करते हैं कि विश्व के अलग-अलग देशों में भारत की पहचान बढ़ेगी। किसी विशेष क्षेत्र में भारत विश्व का नेतृत्व भी कर सकता है। सीमा पर गीदड़ भभकी की भौंक और उस पर नेताओं के कड़वे वचनों की छौंक मन उदास करेगी। उत्तर, पूर्व और उत्तर पूर्व क्षेत्रों में भूकम्प से नुकसान होगा। पूर्व व दक्षिणी हिस्सों में प्रकृतिक आपदा से क्षति होगी। चैत्र से वैशाख के मध्य भारत का अन्तर्राष्ट्रीय जगत में सम्मान व दबदबा बढ़ेगा। पर भारत को उन से ज़्यादा कुछ हासिल इस साल भी नहीं होगा। सड़कों पर गाड़ी पर नियंत्रण में चूक से वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जायेंगे। पटरियों पर ट्रेनें भी लड़खड़ाएगी। लिहाज़ा जान माल की क्षति होगी। 

वैशाख से ज्येष्ठ माह के मध्य पश्चिमी राष्ट्रों में बेचैनी नज़र आएगी। आगज़नी से भारी क्षति होगी। योग्य लोग किनारे नज़र आयेंगे, कमतर और अयोग्य लोग प्रमोशन पायेंगे और बड़े पदों पर नज़र आयेंगे। धार्मिक नेताओं की मुसीबत इस साल भी कम नहीं होगी। कोई नया धार्मिक विवाद गरमाएगा। विवादों के बावजूद इस साल लोगों से ज़्यादा नेताओं की धर्म पर आस्था नाटकीय रूप से बढ़ेगी। 2018 एक नहीं अनेकों विवादों को जन्म देगा। किसी नामचीन व्यक्ति पर ऊँगली उठेगी। किसी बड़े व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगेंगे।

सूर्य के प्रभाव से इस वर्ष भारत में फल कम लगेंगे। वर्षा सामान्य रहेगी। आम जनता को कष्ट। अनाज की उत्पत्ति कम होगी। सरकार को राज करने में तकलीफ आएगी। राजनीतिक उथल-पुथल रहेगी। आतंक, चोर, पाखंडी, अपराधी एवं लुटेरों का प्रभाव अधिक दिखाई देगा। इस वर्ष महामारी का योग बन रहा है। अग्निकांड, अस्त्र-शस्त्र का खुला प्रयोग रहेगा। शिशिर ऋतु में सर्दी कम रहेगी।बुजुर्गों के वर्ष कष्टदायक व शारीरिक पीड़ा वाला रहेगा। महिला वर्ग के लिए यह वर्ष उन्नति वाला रहेगा। रोजगार में महिलाओं को उन्नति मिलेगी। राजनीति एवं नौकरी में वर्ष महिला वर्ग लिए अत्यधिक लाभ वाला रहेगा।

इस वर्ष की कुंडली को मौसम की नजर से देखें तो गर्मी की अधिकता के कारण फसलों व सब्जियों के उत्पादन में कमी आएगी। मई-जून के महीनों में गरम व तेज हवाएं चलेंगी जिससे शारीरिक पीड़ा (लू) रहेगी। यह वर्ष विज्ञान के क्षेत्र में नए आविष्कार वाला रहेगा। भारत विश्व में विज्ञान के आविष्कार व तकनीक के मामले में सराहनीय रूप से अग्रणी रहेगा व विश्व के उच्च स्थानों में जगह पाएगा।

वर्ष 2018 में  किसी या कई बड़े राजनेता की गंभीर स्वास्थ्य समस्या या अवसान से स्तब्ध रह जायेंगे। यह वर्ष नए क़दमों और कई अजीबोग़रीब फ़ैसलों के लिए जाना जाएगा। धनु के शनि के कारण नैतिक मूल्यों का सत्यानाश और विवेक का ह्रास होगा। राजनीति इस वर्ष स्वार्थी नज़र आएगी। नैतिकता, सेवा, आदर्श, शुचिता, तहज़ीब, सम्मान और जनसेवा के उतरते हुए मुलम्मे से भय पैदा होगा। जनता अपने प्रिय नेताओं से इस साल ऊब जाएगी। 

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की इस वर्ष 2018 में एक नहीं कई नामचीन हस्तियां काल कलवित हो जायेंगी। आत्ममुग्धता बढ़ेगी। सही ग़लत के मध्य की पतली लकीर सुविधानुसार पूरे साल स्वयं में बदलाव करती रहेगी। धोखाधड़ी बढ़ेगी। डकैती, छिनैती और लूटपाट जैसी घटनाओं में सहसा इज़ाफ़ा होगा। मीडियाकर्मियों को कष्ट प्राप्त होगा। ईमानदार पत्रकारों की ईमानदारी स्वयं उन्हें और उनके लक्ष्य दोनों को बेचैन करेंगी। किसी भरोसेमंद पत्रकार के किसी बयान या व्यवहार पर हैरानी होगी। राज नेता अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग कर दूसरों पर कीचड़ उछालेंगे। कई नए और मध्यम दर्जे के नेता आगे आयेंगे। पुराने दिग्गज हाशिए पर जायेंगे। एक या कई मंत्रियों की कुर्सी जाएगी। जनता राजनैतिक चाल बाज़ियों की शिकार बनती नज़र आएगी। तू तू मैं मैं स्तरहीनता की निचली पायदान पर होगी। इस साल कई पुराने दोस्त दोस्ती भूल जायेंगे और दूसरी तरफ़ आश्चर्य जनक रूप से कई पुराने राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी गलबहियां करते नज़र आयेंगे। 2018 राजनीतिक अहसानफ़रामोशी और वादाखिलाफ़ी का गवाह बनेगा। इस बरस किसी बड़े राज़ नेता का दंभ चकनाचूर हो जाएगा।

इस वर्ष शनि के प्रभाव से वर्षा कम होगी। आर्थिक समृद्धि में रुकावट आएगी, परंतु शुक्र के प्रभाव से उत्पादन अच्छा होने के योग हैं। साथ ही राज्यकोष में वृद्धि होगी तथा शासन द्वारा जनकल्याण के कार्य होंगे। बड़े मंत्री तथा प्रशासनिक अधिकारी के लिए यह वर्ष लाभदायी रहेगा। दलहन व तिलहन में तेजी रहेगी। बोया हुआ धान सड़ेगा। दुबारा बोवनी करना पड़ेगी। फूलों का उत्पादन श्रेष्ठ होगा। देश में शासन की लोकप्रियता बढ़ेगी। लोगों का नीति-धर्म के अनुकूल आचरण बढ़ेगा।

मंगल के प्रभाव से पशुओं को कष्ट रहेगा एवं फसलों को नुकसान होगा। चन्द्र के प्रभाव से पेय पदार्थ मिठाई, कपड़ा, चावल, घी, चांदी, मोती व तेल के व्यापारी को अच्छा लाभ मिलेगा अर्थात इनके भाव बढ़ेंगे। कानून-व्यवस्था में सुधार होगा। विश्व में हिंसा, संघर्ष, सैन्य-संचलन, विमान दुर्घटनाएं, राजनीतिक दलों में अंदरुनी विवाद उभरकर सामने आएंगे जिससे सरकार व आम जनता परेशान होगी। धरने व विद्रोह प्रदर्शन होंगे। गुरु के प्रभाव से जनता को सुख-शांति प्राप्त होगी। जनता शारीरिक रूप से सुखी रहेगी। ब्राह्मण व संत-विद्वानों के लिए यह वर्ष अच्छा रहेगा।

पंजाब-हरियाणा व हिमाचल विकसित होकर प्रगति के पथ पर बढ़ेंगे। शिक्षा संस्थाओं का विस्तार होगा। नए उद्योग आएंगे। सत्ता-विपक्ष में उग्र संघर्ष, धार्मिक विवाद, गुरुद्वारों में गुटबंदी का प्रभाव रहेगा। मई से छह महीने इन राज्यों के लिए संकटपूर्ण रहेंगे। हिंसा, रक्तपात, उग्र आंदोलन होंगे। तूफान, भूस्खलन, भूकंप से जनहानि। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक राज्यों पर शनि की दृष्टि होने से सतत संघर्षपूर्ण स्थिति बनी रहेगी। शिवसेना और भाजपा में संघर्ष मैदानी स्तर तक उतर आएंगे। बड़े प्रतिष्ठित घरानों पर आयकर छापे होंगे। सरकार और जनता में असहमति बढ़ेगी, विश्वास घटेगा। मई से छह माह तक प्राकृतिक आपदा, रक्तपात, बम धमाके, संक्रामक रोग फैलने का अंदेशा रहेगा।

पण्डित दयानन्द शास्त्री के ज्योतिष विश्लेषण के अनुसार अगस्त 2018-19 में चीन एवं पाकिस्तान से भारत को संकटों व चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आक्रमण का भय रहेगा।नव वर्ष की प्रवेश कुंडली तथा चौथे भाव में शनि मंगल की युति व सप्तम भाव में चतुर ग्रह योग बन रहा है, जो लग्न को पूर्ण रूप से प्रभावित कर रहे हैं। जिस कारण भारत को पाकिस्तान व मुस्लिम देशों की चुनौती मिलेगी। इसके साथ साथ तुला राशि में बृहस्पति का गोचर होने के कारण राम मंदिर का निर्माण होगा संभावित हैं। भारत की कुंडली में तीसरे घर में सूर्य-बुध-शुक्र-शनि व चंद्रमा पांच ग्रहों की युति तथा कालसर्प दोष होने के कारण भारत को पड़ोसी देशों से विश्वासघात का सामना करना पड़ेगा। भारत को पड़ोसी देशों से समस्याएं आती रहेंगी। 

पाकिस्तान पर वर्तमान वर्ष 2018-19 में मार्केश की महादशा चंद्र राहु का ग्रहण होने के कारण उसे सर्वाधिक नुक्सान होगा। 

सरकारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हालांकि मंगल-सूर्य का षडष्टक योग शुभ नहीं है। सरकारों की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। महंगाई, बेरोजगारी बढ़ेगी। प्राकृतिक आपदा, अतिवर्षा, बाढ़, अनावृष्टि, भूकंप, अग्निकांड, हवाई दुर्घटना, रक्तपात, हिंसा होगी। नवमेश गुरु केंद्र स्थान में है तथा नवम स्थान पर चंद्र-शुक्र की पूर्ण दृष्टि होने से बड़े भ्रष्टाचारों का खुलासा होगा।

विगत 15 अगस्त 1947 मध्यरात्रि के समय जब देश की आज़ादी का परचम लहराया तब पुष्य नक्षत्र में भारत की कुंडली वृष लग्न की बनी। इसके अनुसार भारत की राशि कर्क है। इस समय भारत पर राशि स्वामी चंद्रमा की महादशा चल रही है जोकि 2025 तक रहेगी। साल 2018 की शुरुआत के समय भारत की कुंडली के अनुसार भारत पर राहू की अतंर्दशा तो केतु प्रत्यतंर दशा में गोचर करेंगें।

वर्तमान स्थिति अनुसार 14-15 अगस्त 2017 की मध्यरात्रि में स्वतंत्र भारत ने 71वें वर्ष में प्रवेश किया था। 71वें वर्ष का आरंभ वृषभ लग्न में हुआ है। लग्नेश-षष्ठेश शुक्र द्वितीय स्थान में मिथुन राशि में है। धनेश-पंचमेश बुध चतुर्थ भाव में सिंह राशि में राहु के साथ है। अन्य ग्रह स्थितियों के कारण भारत के लिए यह वर्ष संकट और संघर्षपूर्ण रहा। विभिन्न आरोप-प्रत्यारोपों से जूझते हुए भारत विदेशी मोर्चे पर तो सफल हुआ किंतु आंतरिक कलह चरम पर रही। आगे भी यह स्थिति दोहराती रहेगी। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार जम्मू-कश्मीर नाम राशि मकर-मिथुन से यह क्षेत्र अति संकट में रहा। मई 2018 से कश्मीर के लिए अति संकट का समय रहेगा। विद्रोह बढ़ेगा। सेना के लिए संकटपूर्ण स्थिति रहेगी। बाहरी तत्व मिलकर देश में अस्थिरता फैलाने का पूरा प्रयास करेंगे किंतु उन्हें कड़ाई से दबाने में सफलता मिलेगी। वर्ष लग्नेश चंद्रमा शुक्र साथ तृतीय स्थान में है, शुक्र नीच राशि का होने पर स्वनवमांश में है। ऐसी स्थिति में शासनतंत्र एवं जनतंत्र में युवाशक्ति का प्रभाव बढ़ेगा। वर्ष लग्न में सूर्य, बुध, राहु स्थित है, इसके प्रभाव से भारत के पराक्रम में और वृद्धि होने के संकेत हैं। 

आंतरिक उपद्रवों पर कुछ हद तक नियंत्रण करने में भारत को सफलता मिलेगी, लेकिन इसके साथ ही विरोधी दलों द्वारा अस्थिरता एवं अशांति फैलाने के प्रयास भी चरम पर होंगे। मंगल सप्तम भाव में मकर राशि में उच्च का होकर पंच महापुरुष योग ‘रूचक’ का निर्माण कर रहा है। इससे भारत की विवेक, बुद्धि एवं चातुर्यता से विश्व में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। भारत को कूटनीतिक मोर्चे पर बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। साइंस, टेक्नोलॉजी, धर्म, अध्यात्म के क्षेत्र में भारत कई मोर्चों पर विश्व का नेतृत्व करने की स्थिति में आएगा। हालांकि मंगल-सूर्य का षडष्टक योग शुभ नहीं है। सरकारों की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी। महंगाई, बेरोजगारी बढ़ेगी। प्राकृतिक आपदा, अतिवर्षा, बाढ़, अनावृष्टि, भूकंप, अग्निकांड, हवाई दुर्घटना, रक्तपात, हिंसा होगी। नवमेश गुरु केंद्र स्थान में है तथा नवम स्थान पर चंद्र-शुक्र की पूर्ण दृष्टि होने से बड़े भ्रष्टाचारों का खुलासा होगा।

जानिए केसा रहेगा वर्ष 2018 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। एक ओर जहां दुनियाभर में भारत की धाक और प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है, वहीं दूसरी ओर भारत आंतरिक रूप से विभिन्न समस्याओं से घिरता जा रहा है। राजनीतिक दलों में सत्ता हथियाने की होड़ लगी हुई है तो उनके बीच बदजुबानी भी चरम पर है। पद की गरिमा का किसी को भान नहीं है और राजनीति का स्तर निम्न से निम्मतर होता जा रहा है। यह स्थिति वर्ष 2017 में अधिक देखने को मिली है। आगे भी वर्ष 2018 में ऐसे मामले बढ़ने वाले हैं। नव सम्वत् 2075 में हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। विपक्षी दलों में एकता का भाव देखने को मिलेगा। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार व ओडिशा की प्रजा में असंतोष बढ़ेगा। मोदी जी राजनीतिक और आर्थिक संतुलन बना कर देश की अर्थव्यवस्था को अधिक समृद्ध बनाएंगे। विकास पथ भारत को स्वर्णिम सपनों की ओर बढ़ाएगा। नोटबंदी जैसे जुमले, मात्र इतिहास रह जाएंगे। सितंबर 2018 से अधिक शक्तिशाली होंगे ओैर 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद एक बार फिर प्रधान मंत्री बनेंगे। नास़्त्रेदमस ने भी 450 साल पहले यही कहा था। भारतीय जनता पार्टी- बीजेपी का आधार उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्त्राखंड व मणिपुर आदि में मजबूत तो होगा परंतु विजय, आशा के विपरीत संदिग्ध रह सकती है।

देव गुरू वृहस्पति, मोदी को अपने सभी लक्ष्‍यों को पाने में मदद करेगा 

पीएम नरेन्‍द्र मोदी की कुंडली में स्‍वाभाविक रूप से लाभदायी ग्रह गुरू लग्‍न पर से गोचर करेगा। जो कि मोदी को उनके कार्यों पर अतिरिक्‍त ध्‍यान देने में मदद करेगा। साथ ही पीएम मोदी ने जो पिछले वर्ष लक्ष्‍य निर्धारित किए थे उनमें लगभग सभी लक्ष्‍य मोदी प्राप्‍त कर सकते है, ऐसी संभावना है। उन्‍हें ना सिर्फ इंटरनेशनल गवर्मेंट अथॉरिटी से सम्‍मान प्राप्‍त होगा बल्कि वे कई महत्‍वपूर्ण चीजों पर कमांड रखेंगे। बाहरी पार्टी के सदस्‍यों के साथ भी उनके संबंध सौहार्द्रपूर्ण होंगे और उन्‍हें चहूं ओर से सम्‍मान प्राप्‍त होगा। यानि गुरू के प्रभाव से मोदी अच्‍छा समय देखेंगे। लेकिन गुरू आपके कैरियर पर क्‍या प्रभाव ड़ालेगा। 

नरेंद्र मोदी अधिक अभिनव विचारों के साथ आएंगे

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पीएम मोदी की कुंडली मे शनि जन्‍म के चंद्र से दूसरे भाव से गोचर कर रहा है। इसलिए उनकी स्‍टाइल और प्रजेंटेशन को लोग सराहेंगे। वे लोगों पर प्रभाव डालने में भी सक्षम होंगे। पीएम मोदी की कुंडली दर्शाती है कि उनके आसपास के लोग हमेशा उनके चारों ओर आशावाद का प्रकाश पाएंगे और वे देश में सुधार लाने के लिए नवीन विचारों के साथ आगे बढने में सक्षम होंगे। ग्रहों का ये संयोजन लग्‍न से तीसरे भाव में हो रहा है, इसलिए पीएम मोदी के अत्‍यधिक यात्राएं करने की संभावना है। उनकी सामान्‍य कार्य करने की गति बहुत तेज होगी और वे विज्ञान-प्रौद्योगिकी, आंतरिक और सीमावर्ती सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, वित्त और अन्य प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। मोदी जन्मजात लीडर है। लेकिन आपके सितारे क्‍या कहते है। 

मोदी की असाधारण मेहनत चहूुं ओर से यश प्राप्‍त करेगी

छठें भाव का कारक राहु इस वर्ष दसवें भाव से गोचर करेगा। जो ये दर्शाता है कि मोदी बेजोड प्रयास और मेहनत करेंगे। नरेन्‍द्र मोदी से जुडी भविष्‍यवाणियों के अनुसार कई मीडिया एजेंसियां नरेंद्र मोदी के कामकाज की शैली और नैतिकता की सराहना करेगी। हालांकि, विपक्ष मोदी की आलोचना कर सकता है।  

सभी धार्मिक और सामाजिक समूह एक दूसरे के साथ शांति पूर्वक रहेंगे

कुल मिलाकर, चुनौतियों के बावजूद आगामी साल, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उत्कृष्ट होगा। वे भारत में सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक सद्भाव स्थापित करने में भी सक्षम हो सकते हैं। 

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की राहुल गांधी , 19 जून, 1970 को जन्में हैं और 15 नवंबर 2011 से साढ़ेसाती के प्रभाव में हैं। वे टीवी पर छाकर, कुछ प्रदेशों में अपनी हाजरी तो लगवा लेंगे परंतु पार्टी में विकास की संभावना कम रह्रेगी। 

इसी तरह 9 दिसंबर,1946 को इटली में जन्मी  सोनिया गांधी का युग, केतु में बुध की दशा के कारण समापन पर है। 

प्रियंका गांधी 2018 में सक्रिय रातनीति में आ सकती हैं परंतु पार्टी का कुछ विशेष नहीं कर पाएंगी। 

जानिए किन राशियों पर रहेगा वर्ष 2018 में शनि का प्रभाव

शनिदेव को ‘कर्मफल दाता’ माना गया है, मनुष्य जो भी कर्म करेगा उसका भुगतान शनिदेव उससे करवाते हैं। इसलिए हर किसी को शनि से डरने की जरूरत नहीं है। जिन जातकों की कुंडली में शनि उच्चराशिस्थ, राजयोगकारक एवं शुभ होते हैं उनके लिए साढ़ेसाती की अवधि में काफी शुभफल मिलते हैं और इस दौरान वे काफी उन्नति भी करते हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की साढ़े सात साल की साढ़ेसाती और ढाई साल की ढैय्या के वक्त में शनिदेव जातक को उसके कर्मों का फल देना आरंभ कर देते हैं। यदि आपके काम रुकने लगते हैं, सफलता नहीं मिल रही है, तो जान लें कि शनिदेव आपको पीड़ित कर रहे हैं। ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय करके जातक नुकसान और परेशानियों को कम कर सकते हैं।शनि सौरमण्डल के सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह हैं। यह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में ढाई वर्ष का समय लेते हैं। गोचर करता हुए शनि जिस राशि में स्थित होते हैं, वह राशि एवं उससे दूसरी राशि और 12वीं राशि वाले जातक साढ़े साती के प्रभाव में होते हैं। 

सावधानी रखें – इस वर्ष  2018 में वृश्चिक (अंतिम चरण), धनु (द्वितीय चरण) और मकर राशि में (प्रथम चरण) की साढ़े साती शुरू होगी।

शनि स्थित राशि से चतुर्थ व अष्टम राशि वाले जातक ढैय्या से प्रभावित होते हैं। वर्ष 2018 में वृष व कन्या राशि के जातक ढैय्या से पीड़ित रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि एक पापी ग्रह है, जो जातक की कुंडली में अशुभ होते ही उसे नुकसान पहुंचाता है।

जानिए खेलों में कैसा रहेगा भारत का प्रदर्शन इस वर्ष 2018 में ?

नव वर्ष को लेकर सबके मन में उत्सुकुता होती है। व्यक्तिगत से लेकर पूरे जगत तक लिये हम जान लेना चाहते हैं कि आने वाला समय कैसा रहने वाला है, सामान्य है तो बेहतर कैसे हो, बेहतर है तो और बेहतर कैसे करें और यदि समय कठिनाइयों भरा है तो उसका इंतजाम क्या किया जाये। यही प्रश्न देश व समाज के हालातों के बारे में भी होते हैं। हर कोई जानना चाहता है भारत के लिये नया साल कैसा रहेगा। भारत में रहने वाले विभिन्न क्षेत्रों पर आने वाले समय में क्या प्रभाव पड़ेगा। राजनीति हो या व्यापार, मनोरंजन हो या खेल अपनी-अपनी रूचि के अनुसार हम जानना चाहते हैं उन के लिये यह नया साल क्या खास लेकर आ रहा है। तो इसी कड़ी में एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्य आपको बता रहे हैं कि खेल व खिलाड़ियों के लिये 2018 कैसा रहेगा।

भारत की कुंडली के अनुसार इस समय भारत पर राशि स्वामी चंद्रमा की महादशा चल रही है, 2018 के आगमन के समय भारत की कुंडली में राहू की अंतर्दशा तो केतु प्रत्यंतर में होंगे। वर्ष 2018 का वर्ष लग्न कन्या है। भारत की कुंडली वृषभ लग्न और कर्क राशि की है। वर्ष आरंभ के समय भारत के लग्न स्वामी शुक्र वर्ष लग्न से चौथे स्थान पर राजयोग की सृष्टि करते हुए खेलों के कारक माने जाने वाले शनि के साथ गोचर कर रहे हैं। वहीं खेल व प्रतियोगिता का कारक मंगल भी माने जाते हैं जो कि वर्ष लग्न से दूसरे तो भारत की राशि से चौथे स्थान में गोचररत हैं। कुल मिलाकर खेलों के मामले में भारत की स्थिति काफी अच्छी रहने के आसार हैं।

2018 में खेल प्रतियोगिता

2018 का वैश्विक खेल कैलेंडर तो काफी विस्तरित है जिसे कई कारणों के चलते यहां पर हम नहीं दे सकते। लेकिन भारत में मुख्यत: क्रिकेट, हॉकी, शतरंज और एथलिटिक्स के इनडोर व आऊटडोर खेल ही ज्यादा लोकप्रिय हैं। इनमें भी क्रिकेट का खुमार अधिक चढ़ा रहता है तो हॉकी हमारा राष्ट्रीय खेल है।

2018 अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्डकप

आईसीसी द्वारा 2018 में अंडर-19 क्रिकेट विश्वकप का आयोजन न्यूजीलैंड में किया जा रहा है। 13 जनवरी से आरंभ होकर 3 फरवरी को इसका फाइनल मुकाबला खेला जायेगा। 16 टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है जिसमें भारत ग्रुप बी का हिस्सा है। भारत का पहला मैच 14 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के साथ होगा। इसके पश्चात दूसरा व तीसरा मैच भारतीय टीम 16 व 19 जनवरी को खेलेगी।

खेल के कारक माने वाले मंगल 17 जनवरी को स्वराशि वृश्चिक में आ जायेगे जो कि वर्ष लग्न से पराक्रम का स्थान है। इस विश्वकप में भारतीय टीम अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर सकती है।

आईसीसी 2018 महिला वर्ल्डकप टी-20

इसके पश्चात क्रिकेट की बड़ी प्रतियोगिता की बात की जाये तो महिला क्रिकेट का टी-20 विश्वकप भी इसी साल 2 नवंबर से 25 नवबंर तक होना है। नवंबर में मंगल भारत की राशि से अष्टम भाव में होंगे, अष्टम मंगल को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस विश्वकप में भी भारतीय महिला क्रिकेट टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती है।

2018 IAAF वर्ल्ड इंडोर चैंपियनशिप

IAAF यानि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथेलेटिक्स फेडरेशन द्वारा मार्च के आरंभ में ही 1 से 4 मार्च तक ब्रिटेन में इंडोर गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। इस समय मंगल व शनि एक साथ होंगे जिससे संभव है भारत का प्रदर्शन उत्साहजनक न रहे। फिर भी व्यक्तिगत स्तर पर कुछ खिलाड़ी अपने भाग्य की बदौलत श्रेष्ठ प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर सकते हैं।

 2018 हॉकी विश्वकप

नवंबर के अंत में 28 नवंबर से 16 दिसंबर तक हॉकी विश्वकप का आयोजन भारत के भुवनेश्वर में होगा। ग्रहों की स्थिति भारत के अनुकूल रहने के आसार हैं उम्मीद है हॉकी में भारत अपने सम्मान को बढ़ाये।

कुल मिलाकर खेलों के मामले में भारत के लिये यह वर्ष उपलब्धियों वाला साल रह सकता है।

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समस्त गणनाएं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने ज्योतिष सिद्धांतों के अनुरूप की है। 

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