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अजमेर दरगाह में सालाना उर्स का झंडा बीस फरवरी को चढ़ाया जाएगा

अजमेर, 3 फरवरी; राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स का झंडा बीस फरवरी को दरगाह शरीफ के बुलंद दरवाजे पर परंपरागत तरीके से चढ़ाया जाएगा। झंडा चढ़ाने की रस्म भीलवाड़ा के गौरी परिवार के हाथों निभाई जाएगी।
इस बार चांद की 25 तारीख 20 फरवरी को आएगी। परंपरा के अनुसार उर्स की नमाज के बाद दरगाह गेस्ट हाउस से झंडे का जुलूस शुरू होगा। कव्वालियों के साथ यह जुलूस रवाना होगा। लंगर खाना गली, नला बाजार और दरगाह बाजार से होते हुए यह झंडा रोशनी के वक्त से पूर्व बुलंद दरवाजे पर ले जाया जाएगा।

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वहां इसे चढ़ा दिया जाएगा और इसके साथ ही सालाना उर्स की रस्मों की शुरुआत हो जाएगी। चांद की 29 तारीख यानी 23 या 24 फरवरी को सुबह 4:30 बजे जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा। यदि रजब महीने का चांद शाम को दिख जाता है तो ये दरवाजा खुला रहेगा, अन्यथा इसे मामूल कर दिया जाएगा। अगले दिन फिर खोला जाएगा।
इसके बाद यह रजब की 6 तारीख तक खुला रहेगा। रजब महीने का चांद नजर आने पर उर्स की महफिल शुरू हो जाएंगी। यह महफिल दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन की सदारत में महफिल खाना में होगी। मध्य रात्रि से मजार शरीफ को गुसल (स्नान) देने का सिलसिला शुरू होगा।
रजब की 5 तारीख तक रात में यह आयोजन होंगे। इसके बाद रजब कि 6 तारीख को यानी एक या 2 मार्च को छोटा कुल होगा। दरगाह के महफिल खाने में सुबह 9:30 बजे से 11:00 बजे तक कुरान खानी होगी । 11:15 बजे से कुल की महफिल शुरू होगी।
इसके बाद दरगाह दीवान कुल की रस्म अदा करने के लिए जन्नती दरवाजे से होते हुए आस्ताना शरीफ पहुंचेंगे। यहां दीवान के जन्नती दरवाजे में दाखिल होते ही जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा । तोप के गोले दागे जाएंगे, शादियाने बजाए जाएंगे।

Post By Shweta