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फिल्म पद्मावती के बाद ‘गेम ऑफ अयोध्या’ को लेकर हुआ विवाद

फिल्म पद्मावती के बाद ‘गेम ऑफ अयोध्या’ को लेकर हुआ विवाद 

फिल्म पद्मावती पर विवाद अभी थमा नहीं था कि अब ‘गेम ऑफ अयोध्या’ मूवी को लेकर बवाल शुरू हो गया है. यूपी के अलीगढ़ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता अमित गोस्वामी ने ‘गेम ऑफ अयोध्या’ फिल्म के निर्देशक का हाथ काटने वाले को 1 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा कर की है। फिल्म लोक दल के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने बनाई है।

फिल्म ‘गेम ऑफ अयोध्या’ 8 दिसंबर को रिलीज होनी है। फिल्म की रिलीज पर सेंसर बोर्ड ने रोक लगाई थी, लेकिन इसे फिल्म प्रमाणन अपीलीय ट्रिब्यूनल ने मंजूरी दे दी है। फिल्म बाबरी मस्जिद कांड की पृष्ठभूमि पर बनाई गई है।फिल्म में हिंदू-मुस्लिम की प्रेम कहानी दिखाई गई है।

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इस विषय पर religionworld.in ने एबीवीपी कार्यकर्ता अमित गोस्वामी से बात की तो उन्होंने कहा, “जिन हाथों से ऐसी मूवी को सुनील सिंह द्वारा बनाया गया है जिसमें अयोध्या में श्रीराम की मूर्ति को गलत तरीके से स्थापित करना दिखाया गया है वो धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है, जो भी सुनील सिंह के हाथ को काट कर लायेगा उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जायेगा.” इसके आगे उन्होंने कहा, “दूसरा उसमें यह भी है सुनील सिंह ने यह कहा है दो दिन पहले की वह अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को यह फिल्म दिखायेंगे. इस पर मैंने यह बयां दिया है की यदि अलीगढ में सुनील सिंह मुझे कहीं दिख गए तो गोली मारने का काम मैं स्वयं करूँगा.

जब religionworld.in ने उनसे यह सवाल किया कि यह फिल्म अयोध्या विवाद की पृष्ठभूमि पर बनी हिन्दू मुस्लिम प्रेम सम्बन्ध पर आधारित है. इस पर अमित गोस्वामी ने जवाब दिया कि “यह फिल्म हिन्दू मुस्लिम प्रेम सम्बन्ध पर आधारित नहीं है और ट्रेलर में जो दिखाया गया है उसमें ऐसा कुछ नहीं है. यहाँ तक की सुनील सिंह ने अपने इंटरव्यू में भी कहा है इस मामले में नेताओं ने राजनीति की और उन्होंने इसमें लाल कृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी बाजपेयी और कल्याण सिंह जी ने हिन्दू वोट बैंक को बचाए रखने के लिए देश का सबसे बड़ा मुद्दा अयोध्या मुद्दा उठाया। हालाँकि इस स्थान पर रामलला की मूर्ति को हिन्दुओं ने स्थापित किया और वो कहने लगे की भगवान् राम का यहाँ जन्म हुआ और यहाँ हम मंदिर बनायेंगे. इन हिन्दुओं के नेताओं ने इस देश के राजनीतिक माहौल को बनाने के लिए सांप्रदायिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और दंगे कर्फ्यू अयोध्या के नाम पर होते रहे.”

अमित गोस्वामी का कहना है कि सुनील सिंह सस्ती लोकप्रियता के लिए यह सब कर रहे हैं. फिल्म में गलत दृश्य दिखाए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि “कोई मामला जब तक न्यायालय में विचाराधीन है तो आप किसी को गलत कैसे ठहरा सकते हैं. क्यूंकि विचाराधीन मामले पर हमें कुछ कहने का अब तक आप मूवी में यह शब्द जोड़ सकते थे की यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो इस मामले में कौन दोषी है कौन नहीं यह स्पष्ट नहीं हुआ.”  

वे आगे कहते हैं कि यह फिल्म कितने शहरों में चलायी जाएगी, कितने सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी. इससे हिन्दू मुस्लिम विवाद फिर उत्पन्न हो सकता है. हमारे मुस्लिम भाइयों को ऐसा महसूस होगा की हो हिन्दुओं ने हमारा शोषण करने का काम किया. ऐसे में वैमनस्यता होगी और देश में फिर अराजकता का माहौल पैदा होगा.

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अलीगढ़ जिले के एसएसपी राजेश पाण्डेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले से ही फिल्म रिलीज के दौरान जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. फिल्म ‘गेम ऑफ अयोध्या’ लिब्रहान कमीशन की रिपोर्ट पर आधारित है.

फिल्म में अयोध्या विवाद से संबंधित साल 1992 के विडियो फुटेज और दस्तावेजों का भी प्रयोग किया गया है. 1992 में हुए दंगों से पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम उस दौर के हिंदूवादी नेताओं के भाषण के विडियो फुटेज के साथ ही उस दौरान ली गई तस्वीरों का भी मूवी में जिक्र है.

https://youtu.be/RKNApCCt5-c

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Post By Shweta