नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?
नवरात्रि का आठवां दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप माँ महागौरी को समर्पित होता है। माँ महागौरी को पवित्रता, शुद्धता और करुणा की देवी माना जाता है। शास्त्रों में वर्णित है कि उनका स्वरूप अत्यंत सुंदर और निर्मल है। देवी का शरीर चमकदार सफेद रंग का होता है, जो शुद्धता और अनंत ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन उनकी पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है और इसे करने से जीवन में मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और संपूर्ण समृद्धि आती है।
माँ महागौरी का महत्व
माँ महागौरी को सबसे निर्मल और शांत स्वरूप वाली देवी माना जाता है। उनका श्वेत रंग अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का नाश करने का प्रतीक है। भक्तों का विश्वास है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करता है, उसके जीवन से सभी दुख, पाप और भय दूर हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, माँ महागौरी की आराधना से शरीर, मन और आत्मा तीनों शुद्ध होते हैं।
पूजा का सही तरीका
नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा के लिए स्वच्छ स्थान का चयन करें। पूजा स्थल को सफेद या हल्के रंग के वस्त्र से सजाएँ। देवी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उनके सामने दीपक और धूप रखें। भक्त कमल, सफेद फूल और अक्षत अर्पित करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है मंत्र का जाप — “ॐ देवी महागौर्यै नमः” का कम से कम 108 बार उच्चारण करने से माता प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा, अन्न, फल और शुद्ध भोजन अर्पित करना भी शुभ माना जाता है।
पूजा के लाभ
माँ महागौरी की पूजा करने से जीवन में कई प्रकार के लाभ होते हैं:
मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति
घर और परिवार में सुख-समृद्धि
नकारात्मक शक्तियों और भय का नाश
संतान सुख और वैवाहिक जीवन में स्थिरता
आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति
इस प्रकार, नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका आशीर्वाद केवल सांसारिक सुख और समृद्धि ही नहीं देता, बल्कि जीवन के सभी भय और पापों से मुक्ति भी प्रदान करता है। श्रद्धा, भक्ति और सही विधि से की गई आराधना से भक्त को माँ महागौरी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो