नंदी बैल हमेशा शिवजी के सामने क्यों बैठा होता है?
जब भी मैं किसी शिव मंदिर जाता हूँ, तो सबसे पहले मेरी नजर एक चीज़ पर जाती है — शिवलिंग के सामने बैठा हुआ नंदी बैल। बचपन से ही ये सवाल मेरे मन में आता था कि नंदी हमेशा शिवजी के सामने ही क्यों बैठा होता है? क्या बस सजावट के लिए? या फिर इसके पीछे कुछ खास वजह है?
धीरे-धीरे जब मैं मंदिर जाने लगा और बुजुर्गों से बातें करने लगा, तो मुझे इसके पीछे की बातें समझ में आने लगीं। मैं यहाँ वही बातें शेयर कर रहा हूँ — जो मैंने महसूस किया, समझा और सीखा।
नंदी सिर्फ वाहन नहीं, भक्त भी है
लोग कहते हैं कि नंदी भगवान शिव का वाहन है, यानी बैल पर बैठकर शिवजी चलते हैं। लेकिन मेरे हिसाब से नंदी सिर्फ सवारी नहीं है, वो एक सच्चा भक्त है। उसकी आंखें हमेशा अपने भगवान शिव पर टिकी रहती हैं — बिना हिले, बिना किसी स्वार्थ के।
मुझे लगता है नंदी हमें सिखाता है कि अगर हमें भी भगवान से जुड़ना है, तो हमें भी ऐसे ही उनकी ओर एकाग्र होकर देखना होगा।
नंदी के कान में बात क्यों की जाती है?
मैंने कई बार लोगों को देखा कि वो नंदी के कान में कुछ बोलते हैं और फिर शिवलिंग के दर्शन करते हैं। एक दिन मैंने भी ऐसा किया। मंदिर के पंडित जी से पूछा तो उन्होंने बताया कि जो भी मन की बात नंदी के कान में कहोगे, वो सीधे भगवान शिव तक पहुँच जाती है। यह बात सुनकर मैं बहुत भावुक हो गया।
अब जब भी कुछ दिल से मांगना हो, मैं सीधे नंदी के पास जाता हूँ।
शांति और समर्पण का प्रतीक
नंदी की बैठने की मुद्रा देखिए — वो शांति से बैठा है, ध्यान लगाए हुए। न कोई जल्दबाजी, न कोई मांग। बस अपने शिव को देख रहा है। इस चीज़ ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। आज के भागदौड़ भरे जीवन में अगर हम भी थोड़ी देर ऐसे ही बैठ जाएं, तो बहुत शांति मिलती है।
कुछ लोगों की मान्यता
कुछ लोग कहते हैं कि शिवलिंग से एक विशेष तरह की ऊर्जा निकलती है, और नंदी उस ऊर्जा को संतुलित करता है, ताकि हम उस शक्ति को सहज रूप से महसूस कर सकें। मैं इस बात का वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं दे सकता, लेकिन जब भी मैं नंदी के सामने बैठता हूँ, एक अलग ही शांति का अनुभव होता है।
मेरे लिए नंदी सिर्फ एक मूर्ति नहीं है। वो मुझे भक्ति, सेवा और सच्चे समर्पण की मिसाल लगता है। उसकी आंखों में शिव ही शिव हैं। वो हिलता नहीं, डगमगाता नहीं — बस ध्यान लगाए बैठा रहता है।
अगर हम भी अपने जीवन में नंदी जैसी श्रद्धा और धैर्य ला पाएं, तो शायद भगवान शिव हमारी भी सुन ही लेंगे।
~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो