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जितने बच्चे उतने पेड़, वन है तो जन है

जितने बच्चे उतने पेड़, वन है तो जन है
पेड़ लगेगे तो बचेंगे वन, वन बचेंगे तो बचेगा जीवन

स्कूलों में जितने बच्चे उतने पेड़, घरों में किचन गार्डन से होगा स्वास्थ्य-वर्धन- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी

ऋषिकेश, 14 जून। परमार्थ निकेतन में आज यूनाइटेड नेशन दिल्ली कार्यलय से आरÛ केÛ जलान जी एवं अण्डर सेक्रेटरी मिनिस्ट्री आफ हृयूमेन रिसर्ज एण्ड डेवलपमेण्ट हायर एजूकेशन, श्री एमÛ केÛ पाण्डे जी पधारे। आर के जलान जी एवं श्री एम के पान्डे जी ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट कर पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण में छात्रों की भूमिका पर विस्तृत चर्चा की।

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि स्कूलों एवं कालेजों में जितने बच्चे, उतने पेड़। हर स्कूल प्रांगण एवं स्कूलों के रास्तों पर मानसून में पौधों का रोपण अवश्य करें। स्कूल में जितने बच्चे होंगे प्रांगण में उतने ही पेड़ होने चाहिये ताकि हर बच्चे को प्रत्यके मौसम में फल मिलते रहें। उन्होने कहा कि बच्चों को प्रत्येक वर्ष एक पौधा लगाने के लिये अवश्य प्रेरित करे तथा बच्चों को घरों में किचन गार्डन एवं हर्बल होम रेमेडी के लिये भी उत्साहित करना होगा। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि हमारे देश के बच्चों के पूर्ण विकास के लिये; देश को कुपोषण से मुक्त करने के लिये ’जितने बच्चे उतने पेड़’ श्रेष्ठ योजना है। उन्होने कहा कि भारत सरकार की मिड डे मील योजना के साथ मिड डे फ्रूट योजना के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य का विकास सम्भव है।

पूज्य स्वामी जी ने कहा कि एक पेड़ 1 वर्ष में 21Û7 किलोग्राम कार्बनडाई आक्साइड अपने अन्दर सोखता है। 1 दिन में इतनी ऑक्सीजन देता है कि 4 व्यक्ति साँस लें सकें। पूरे जीवनकाल में 1000 किलोग्राम कार्बनडाई आक्साइड अपने अन्दर सोखता है। पेड़ों से घिरा क्षे़त्र, दूसरे क्षेत्र की तुलना में 9 डिग्री अधिक ठंडा होता है। पत्तेदार (लीफी) वृक्ष एक सीजन में इतनी ऑक्सीजन उत्पन्न करता है जितने में 10 व्यक्ति 1 वर्ष तक साँस ले सकते हैं। एक व्यक्ति को पूरा जीवन ऑक्सीजन लेने के लिये 18 पेड़ों की जरूरत होती हैं। अतः उन्होने देशवासियों से आहृवान कि प्रत्येक व्यक्ति को 18 से 20 वृक्षों को रोपण अवश्य करना चाहिये।

आरके जलान जी ने कहा कि जितने बच्चे उतने पेड़ एक बेहतर प्रयास है इससे बच्चे स्वस्थ तो होगें ही साथ पर्यावरण भी बचा रहेगा। उन्होने कहा कि इस योजना को मानसून में क्रियान्वित किया जायेगा।

श्री एम के पान्डे जी ने कहा कि हायर एजूकेशन के छात्रों को उनके जन्मदिवस पर वृक्षारोपण के लिये प्रेरित किया जायेगा। साथ ही पाठयक्रम में भी पर्यावरण संरक्षण एवं हरित वातावरण के निर्माण पर भी रैंकिग हो तो बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते है।

’जितने बच्चे उतने पेड योजना’ की शुरूआत करते हुये पूज्य स्वामी जी ने श्री एम के पान्डे जी एवं आरÛ केÛ जलान जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

Post By Religion World