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करवाचौथ 2019 : शुभ योग और मुहूर्त

करवाचौथ 2019 : शुभ योग और मुहूर्त

करवा चौथ का त्यौहार महिलाओं द्वारा पूरे भारत के साथ-साथ विदेशों में भी (गुरुवार), 17 अक्टूबर 2019 को मनाया जाएगा। इस दिन चन्द्रमा वृषभ राशि में और रोहिणी नक्षत्र रहेगा।

इस वर्ष 70 वर्षों के बाद करवाचौथ पर ऐसा योग बन रहा है जब रोहिणी नक्षत्र और मंगल का योग एक साथ आ रहा है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के मुताबिक यह योग करवा चौथ को और अधिक मंगलकारी बना रहा है। इससे पूजन का फल हजारों गुना अधिक होगा। करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग होना अपने आप में एक अद्भुत योग है। रविवार होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से मार्कण्डेय और सत्यभामा योग बन रहा है। यह योग चंदमा की 27 पत्नियों में सबसे प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ होने से बन रहा है। पति के लिए व्रत रखने वाली सुहागिनों के लिए यह बेहद फलदायी होगा। ऐसा योग भगवान श्रीकृष्ण और सत्यभामा के मिलन के समय भी बना था।

दरअसल करवा चौथ मन के मिलन का पर्व है। इस पर्व पर महिलाएं दिनभर निर्जल उपवास रखती हैं और चंद्रोदय में गणेश जी की पूजा-अर्चना के बाद अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं। सोलह श्रृंगार में सजी-धजी सुहागिनें करवा चौथ पर चांद की आभा लिए होंगी। आकरवा चौथ के दिन उन्हें अपने-अपने ‘चांद’ का बेसब्री से इंतजार रहेगा। इसलिए नहीं कि वे आज निर्जल हैं बल्कि इसलिए कि चंद्रदेव के दर्शन कर व अर्घ्य देकर अपने पति यानी चांद के दीर्घायु जीवन की कामना कर अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त करना है।

व्रत तोड़ने से पूर्व चलनी में दीपक रखकर, उसकी ओट से पति की छवि को निहारने की परंपरा भी करवा चौथ पर्व की है। । इस दिन बहुएं अपनी सास को चीनी के करवे, साड़ी व श्रृंगार सामग्री प्रदान करती हैं। पति की ओर से पत्‍‌नी को तोहफा देने का चलन भी इस त्यौहार में है।

इस व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में प्रेम तथा सामंजस्य के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। करवाचौथ व्रत, वटसावित्री एवं हारितालिका तीज के समान ही दांपत्य जीवन के लिए शुभफादायी होता है।

सभी विवाहित (सुहागिन) महिलाओं के लिये करवा चौथ बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार हैं। ये एक दिन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मुख्यतः उत्तरी भारत की विवाहित (सुहागिन) महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन विवाहित (सुहागिन) महिलाएँ पूरे दिन का उपवास रखती हैं जो जल्दी सुबह सूर्योदय के साथ शुरु होता है और देर शाम या कभी कभी देर रात को चन्द्रोदय के बाद खत्म होता है। वे अपने पति की सुरक्षित और लम्बी उम्र के लिये बिना पानी और बिना भोजन के पूरे दिन बहुत कठिन व्रत रखती हैं। पहले ये एक पारंपरिक त्यौहार था जो विशेष रूप से भारतीय राज्यों राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ भागों, हरियाणा और पंजाब में मनाया जाता था हालांकि, आज कल ये भारत के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में सभी महिलाओं द्वारा मनाया जाता है।

करवा चौथ की तिथि और शुभ मुहूर्त (Karva Chauth Date and Time)

करवा चौथ की तिथि: 17 अक्‍टूबर 2019
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 17 अक्‍टूबर 2019 (गुरुवार) को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से
चतुर्थी तिथ‍ि समाप्‍त: 18 अक्‍टूबर 2019 को सुबह 07 बजकर 29 मिनट तक
करवा चौथ व्रत का समय: 17 अक्‍टूबर 2019 को सुबह 06 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक.
कुल अवधि: 13 घंटे 50 मिनट
पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 अक्‍टूबर 2019 की शाम 05 बजकर 46 मिनट से शाम 07 बजकर 02 मिनट तक.
कुल अवधि: 1 घंटे 16 मिनट.

Post By Religion World