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रॉयल पॉन्टव नाट्य विधा के ज़रिये सीता स्वयंवर का मंचन

आसियान देशों के ‘रामायण महोत्सव’ का दूसरा दिन 

नयी दिल्ली, 22 जनवरी; कला हर बात को कहने में सक्षम है इसलिए पुरानी कथाएं भी कलाओं के जरिए अगली पीढ़ियों तक जाती हैं. इस बात का जीता-जागता उदाहरण रविवार को कमानी ऑडिटोरियम में देखने को मिला. जब रामायण का सीता स्वयंवर एक देश ने नाटक के जरिए और वही प्रसंग दूसरे देश ने नृत्य के जरिए पेश किया.

मौका था ऑडिटोरियम में चल रहे पांच दिवसीय आसियान देशों के रामायण महोत्सव के दूसरे दिन का. जहां म्यांमार ने अपनी पारंपरिक विधा ‘रॉयल पॉन्टव’ किया, वहीं मलयेशिया ने इस स्वयंवर प्रसंग को शास्त्रीय नृत्य के जरिए पेश किया. म्यांमार की ‘रॉयल पॉन्टव’ अपने आप में बेहद क्लासी नाट्य विधा है. इसे देखने पर कई बार नृत्य नाटिका का अहसास भी होता है. म्यांमार और मलयेशिया दोनों देशों में भारतीय रामायण कथा को लगभग 170 सालों से अभिनय, गायन और नृत्य के जरिए पेश किया जाता है. 24 जनवरी की शाम तक हर शाम कमानी ऑडिटोरियम में आसियान देशों की रामायण अलग-अलग विधाओं में प्रस्तुत की जाएगी.

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Post By Shweta