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पापमोचनी एकादशी: जानिए क्या है इसका महत्त्व और पूजन विधि

हिन्दू शास्त्रों में एकादशी का बहुत महत्व है, इसे भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है। वहीं चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व है, जिसे पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

इस व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है। इस साल यह एकादशी 20 मार्च 2020 को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन जो मनुष्य पूरे भक्ति भाव से भगवान विष्णु की उपासना करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।



यह भी माना जाता है कि पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के मोक्ष का द्वार खुल जाता है। इस एकादशी के महत्व के बारे में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया था.

उन्होंने कहा था कि जो भी कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।  एकादशी के दिन भक्त को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

माना जाता है कि इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

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पापमोचनी एकादशी व्रत पारण मुहूर्त

20 मार्च 2020 दोपहर 01:41 से शाम 04:07 तक (अवधि : 2 घंटे 25 मिनट)

पूजन विधि

पापमोचनी एकादशी: जानिए क्या है इसका महत्त्व और पूजन विधि

व्रती को दशमी तिथि को एक बार सात्विक भोजन करें और मन से भोग विलास की भावना को निकालकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करना चाहिए।

एकादशी के दिन सूर्योदय होते ही स्नान करके व्रत का संकल्प करना चाहिए संकल्प के उपरान्त श्री विष्णु की पूजा करें।

पूजा के बाद भगवान के समक्ष बैठकर भग्वद् कथा का पाठ अथवा श्रवण करना चाहिए।

एकादशी तिथि को जागरण करने से कई गुणा पुण्य मिलता है। इसलिए रात में भी निराहार रहकर भजन कीर्तन करते हुए जागरण करें।

द्वादशी के दिन प्रात: स्नान करके विष्णु भगवान की पूजा करें और फिर ब्रह्मणों को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करें. इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करना चाहिए।

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Post By Shweta