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क्या आप जानते हैं सिख धर्म के 10 गुरुओं के नाम और योगदान?

क्या आप जानते हैं सिख धर्म के 10 गुरुओं के नाम और योगदान?

सिख धर्म (Sikhism) 15वीं शताब्दी में भारत के पंजाब क्षेत्र में उत्पन्न हुआ। इसकी स्थापना गुरु नानक देव जी ने की थी। उनके बाद क्रमशः कुल 10 मानव गुरु हुए, जिन्होंने सिख धर्म को आध्यात्मिक, सामाजिक और संगठनात्मक रूप से सुदृढ़ बनाया।

सिख धर्म का मुख्य सिद्धांत है — एक ईश्वर, मानवता की सेवा, और सभी मनुष्यों की समानता।
आइए जानते हैं सभी 10 गुरुओं के नाम और उनका योगदान —

सिख धर्म के 10 गुरु और उनका योगदान

  1. गुरु नानक देव जी (1469–1539)

    • सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु

    • जात-पात, ऊँच-नीच का विरोध किया

    • “एक ओंकार” — सभी में एक ही परमात्मा है, यह विचार दिया

  2. गुरु अंगद देव जी (1504–1552)

    • गुरमुखी लिपि को प्रचलित किया

    • शिक्षा के प्रसार पर ज़ोर दिया

    • शारीरिक व्यायाम और अनुशासन का प्रचार किया

  3. गुरु अमर दास जी (1479–1574)

    • लंगर को अनिवार्य बनाया

    • स्त्रियों को धार्मिक-सामाजिक अधिकार दिए

    • जातिवाद का विरोध किया

  4. गुरु राम दास जी (1534–1581)

    • अमृतसर नगर की स्थापना की

    • हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) की नींव रखी

    • भक्ति और सेवा पर ज़ोर दिया

  5. गुरु अर्जुन देव जी (1563–1606)

    • आदि ग्रंथ का संकलन किया (जो बाद में गुरु ग्रंथ साहिब बना)

    • हरमंदिर साहिब का निर्माण पूरा कराया

    • मुगलों द्वारा शहीद किए गए — सिख धर्म के प्रथम शहीद

  6. गुरु हरगोबिंद जी (1595–1644)

    • मिरी-पिरी (आध्यात्मिक और सांसारिक शक्ति) की परंपरा शुरू की

    • अकाल तख्त की स्थापना की

    • सिखों को आत्मरक्षा हेतु युद्धकला सिखाई

  7. गुरु हर राय जी (1630–1661)

    • दयालुता, करुणा और सेवा भाव के लिए प्रसिद्ध

    • औषधालय चलाया और बीमारों की सेवा की

    • बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी

  8. गुरु हरकृष्ण जी (1656–1664)

    • केवल 5 वर्ष की आयु में गुरु बने

    • दिल्ली में चेचक पीड़ितों की सेवा की

    • “बाल गुरु” कहलाए

  9. गुरु तेग बहादुर जी (1621–1675)

    • धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा हेतु बलिदान दिया

    • कश्मीरी पंडितों की रक्षा की

    • “हिंद की चादर” कहलाए

  10. गुरु गोबिंद सिंह जी (1666–1708)

  • खालसा पंथ की स्थापना की (1699)

  • पंच प्यारे परंपरा की शुरुआत की

  • घोषणा की कि उनके बाद कोई मानव गुरु नहीं होगा — गुरु ग्रंथ साहिब जी को शाश्वत गुरु घोषित किया

सिख धर्म के ये दस गुरु केवल धार्मिक नेता नहीं थे, बल्कि सामाजिक सुधारक, योद्धा और मानवता के उपासक भी थे। उनके योगदान ने सिख धर्म को एक मजबूत, अनुशासित और सेवा-भाव से प्रेरित समुदाय में बदल दिया। आज भी सिख धर्म के अनुयायी उनकी शिक्षाओं को जीवन का आधार मानते हैं।

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

Post By Religion World