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दवा से ज्यादा असरदार है शहद: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी

भारत में आयुर्वेद को कुछ ख़ास ही महत्त्व दिया है और अब इस बात की पुष्टि ऑक्सफ़ोर्ड जैसी यूनिवर्सिटी ने भी कर दी है . जैसा कि सब जानते हैं कि कितनी सदियों से हमारे यहां शहद को सर्दी, खांसी में असरदार माना जाता है। दादी मां के नुस्खों में शहद, अदरक और तुली शामिल न हो ऐसा संभव ही नहीं है।



ऐसी कई आयुर्वेदिक चीजों से हमारे देश में विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जाता है। अब भारतीय आयुर्वेद का डंका दुनिया में भी बजने लगा है।

एंटीबायोटिक से ज्यादा असरदार है शहद

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने अपने शोध के आधार पर यह साबित किया है कि सर्दी खांसी में एंटीबायोटिक दवाइयों से कहीं ज्यादा शहद असरदार है। उन्होंने यहां तक कहा है कि अगर सर्दी खांसी में एंटीबायोटिक खाने के बारे में सोचते है तो इस विचार को भूल जाइए, इसके बदले आप शहद लीजिए। शहद एंटीबायोटिक दवाइयों से ज्यादा असरदार है। हालांकि लंबे समय से गले की खरांश, खांसी या मामूली सर्दी भी है तो भारत के आमजन शहद का इस्तेमाल करते हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने कहा है कि डॉक्टरों को अपने मरीजों से एंटीबायोटिक दवा देने के बजाय एक चम्मच शहद लेने की सलाह देनी चाहिए।

शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद

विशेषज्ञों का कहना है कि शहद में एंटीबैक्टीरियल रेजिस्टेंस गुण है यानी बैक्टीरिया को खत्म करने वाला गुण है। ऑक्सफोर्ड के विशेषज्ञों ने अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूआरटीआई) यानी ऊपरी श्वसन से संबंधित संक्रमण में शहद के प्रभावी होने के पिछले कई अध्ययनों की तुलना की है। इसके बाद पाया कि शहद एंटीबायोटिक दवा से कहीं ज्यादा कारगर साबित हो रहा है।



सामान्यतया शहद में सर्दी, खांसी, गले में जलन या गले में भारीपन को खत्म करने के लिए उत्तम माना जाता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन बीमारियों में जहां दवा लेने पर इसके कई साइड इफेक्ट हैं, वहीं शहद का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

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Post By Shweta