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परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने गंगा तालाब माॅरीशस में सम्पन्न की गंगा आरती

परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने गंगा तालाब माॅरीशस में सम्पन्न की गंगा आरती

  • दिव्य गंगा आरती और 11 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का अद्भुत संगम
  • गंगा तालाब माॅरिशस की दिव्य आरती के पश्चात पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेजी जी को अर्पित की श्ऱद्धाजंलि एवं शांति प्रार्थना
  • केवल शक्ति के बल पर शान्ति की स्थापना सम्भव नहीं -स्वामी चिदानन्द सरस्वती
  • गंगा तालाब पर आयोजित गंगा आरती के पश्चात माॅरिशस में विभिन्न स्थानों पर गंगा आरती की शुरूआत हुई, इस शुभ कार्य के लिये परमार्थ निकेतन द्वारा सुन्दर आरतीयाँ एवं आरती की थाल स्थित शिव सागर मन्दिर के प्रमुख पण्डित जी को एवं इन्दिरा गांधी सेन्टर फार इन्डियन कल्चर को भेंट की गयी

ऋषिकेश, 23 अगस्त। माॅरिशस में सम्पन्न हुये 11 वें हिन्दी सम्मेलन में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों द्वारा दिव्य गंगा आरती सम्पन्न की गयी। माॅरिशस में स्थित गंगा तालाब के तट पर माँ गंगा की आरती, विश्व शान्ति पाठ तथा चुनरी महोत्सव का आयोजन किया गया।

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन संदेश को सुनाते हुये परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारांे ने वहां उपस्थित अतिथियों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संकल्प कराया।

आरती के पश्चात भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी  जी के लिये शान्ति प्रार्थना की तथा उन्हे श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी।

इस समारोह में माॅरिशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ जी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल माननीय केसरी नाथ त्रिपाठी, गोवा के राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिंह, विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री एवं गंगा कायाकल्प मंत्री डाॅ सत्यपाल सिंह जी, संस्कृृति मंत्री माॅरिशस श्री शांताराम बाबा, शिक्षा मंत्री माॅरिशस, संसद सदस्य श्री रमेश पोखरियाल जी एवं अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।

गंगा तालाब पर आयोजित गंगा आरती के पश्चात माॅरिशस में विभिन्न स्थानों पर गंगा आरती की शुरूआत हुई, इस शुभ कार्य के लिये परमार्थ निकेतन द्वारा सुन्दर आरतीयाँ  भेंट की गयी। आरतीयाँ माॅरिशस में स्थित शिव सागर मन्दिर के प्रमुख पण्डित जी को एवं इन्दिरा गांधी सेन्टर फार इन्डियन कल्चर को संसदीय कार्य मंत्री, भाषा एवं विधायी कार्य मंत्री श्री प्रकाश पंत, श्रीमती पंत, श्री मोहन सिंह रावत, सुश्री निवेदिता जी और सुश्री गंगा नन्दिनी द्वारा भेंट की गयी।

परमार्थ गंगा तट के दिव्य जल से अभिसिंचित आरती की थाल और आरतियों के माध्यम से माॅरिशस में भारतीय संस्कृति की गूंज प्रतिदिन सुनाई देगी। यहां बात केवल आरती की नहीं है बल्कि भारतीय संस्कृति की आरती और पर्यावरण संदेश की है ताकि लोगों के दिलों में नदियों के प्रति, पर्यावरण के प्रति संवेदना का भाव जगे। आरती के माध्यम से लोग अपनी संस्कृति से, अपनी जड़ों से जुडे़ रहेगे साथ ही विभिन्न स्थानों पर होने वाली आरती लोगों को पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व की याद दिलाती रहेगी जिससे सभी के मन में संकल्प के भाव भी जगेगे। इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अद् कार्य हो सकता है।

 परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सभी विशिष्ट अतिथियों का शंखघ्वनि, तिलक और रक्षासूत्र बांधकर स्वागत किया तत्पश्चात चुनरी महोेेेत्सव का शुभारम्भ किया गया। परमार्थ प्रवक्ता सुश्रि गंगा नन्दिनी त्रिपाठी जी ने गंगा आरती का महत्व, भारतीय संस्कृति एवं स्वामी जी महाराज द्वारा विश्व स्तर पर चलाये जा रहे पर्यावरण संरक्षण अभियान के विषय में जानकारी प्रदान की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने भेजे अपने संदेश में कहा, ’’भारतीय संस्कृति, विश्व के लगभग सभी धर्म, धर्मग्रन्थ और सभ्याताओं ने प्रत्येक कालखंड में शान्ति की स्थापना का संदेश दिया है। हिन्दु धर्म तो शान्ति और सद्भाव की स्थापना के लिये युगों से कार्य कर रहा है। स्वामी जी ने कहा कि केवल शक्ति के बल पर शान्ति की स्थापना नहीं हो सकती। शान्ति के लिये विचारों में परिवर्तन करने की जरूरत है और इसकी शुरूआत समाज की सबसे छोटी इकाई व्यक्ति से आरम्भ करना होगा तभी विश्व में शान्ति स्थापित हो सकती है साथ समाज में समानता और सद्भाव को स्थापित करना होगा। उन्होने कहा कि इस तरह के सम्मेलन, शान्ति और संस्कृति की स्थापना के लिये नींव का पत्थर साबित हो सकते है।

भारत की ओर से दिव्य भेंट एवं स्वामी जी महाराज के आशीर्वाद स्वरूप दिव्य तुलसी का पौधा जनरल वीके सिंह जी ने माॅरिशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ जी को भेंट किया।

परमार्थ निकेतन परिवार से हिन्दी सम्मेलन सुश्री गंगा नन्दिनी त्रिपाठी, आचार्य दिलीप क्षेत्री, आचार्य दीपक शर्मा, नरेन्द्र बिष्ट, पुनीत मिश्रा, सुर्यप्रकाश गौड़ एवं अभय पाण्डे ने सहभाग किया। दिव्य गंगा आरती को सम्पन्न कर माॅरिशस से ऋषिकेश लौटा ऋषिकुमारों का दल।

Post By Religion World