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सुगंध से महकाएं अपना जीवन, जानिए इसके लाभ

सुगंध से महकाएं अपना जीवन, जानिए इसके लाभ

सुगंध या खुशबू का बहुत महत्व माना गया है। वह इसलिए कि सात्विक अन्न से शरीर पुष्ट होता है तो सुगंध से सूक्ष्म शरीर। यह शरीर पंच कोष वाला है. जड़, प्राण, मन, विज्ञान और आनंद। सुगंध से प्राण और मनोमय कोष पुष्ट होता है। इसलिए जिस व्यक्ति के जीवन में सुगंध नहीं उसके जीवन में शांति भी नहीं. शांति नहीं तो सुख और समृद्धि भी नहीं।

सुगंध का असर : सुगंध से आपना मस्तिष्क बदलता है, सोच बदलती और सोच से भविष्य बदल जाता है. सुगंध आपके विचार की क्षमता पर असर डालती है. यह आपकी भावनाओं को बदलने की क्षमता रखती है.

सुगंध के लाभ : सुगंध के चमत्कार से प्राचीनकाल के लोग परिचि‍त थे तभी तो वे घर और मंदिर आदि जगहों पर सुगंध का विस्तार करते थे. यज्ञ करने से भी सुगंधित वातावरण निर्मित होता है. सुगंध के सही प्रयोग से एकाग्रता बढ़ाई जा सकती है. सुगंध से स्नायु तंत्र और डिप्रेशन जैसी बीमारियों को दूर किया जा सकता है. जानिए सुगंध का सही प्रयोग कैसे करें और साथ ही जानिए सुगंध का जीवन में महत्व. मनुष्य का मन चलता है शरीर के चक्रों से. इन चक्रों पर रंग, सुगंध और शब्द (मंत्र) का गहरा असर होता है. यदि मन की अलग-अलग अवस्थाओं के हिसाब से सुगंध का प्रयोग किया जाए तो तमाम मानसिक समस्याओं को दूर किया जा सकता है.

सावधानी : ध्यान रहे कि परंपरागत सुगंध को छोड़कर अन्य किसी रासायनिक तरीके से विकसित हुई सुगंध आपकी सेहत और घर के वातावरण को नुकसान पहुंचा सकती है.

अपने को अच्छा महसूस करवाने के लिए लोग अक्सर इत्र का प्रयोग करते हैं. परफ्यूम के इस्तेमाल से आप हमेशा अच्छा महसूस करने के साथ ही एक फ्रेशनेस का एहसास भी करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इन खुशबुओं के अनुसार तंत्र में वशीकरण को संभव माना गया है. इत्र की खुशबू परलौकिक शक्तियों ,देवी और देवताओं को भी आर्कषित कर सकता हैं.

शुक्र ग्रह की शुभता के लिए :

शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि अत्यंत आवश्यक है. जातक या जातिका को परफ्यूम या इत्र का प्रयोग करना चाहिए. इसके आलाव जब भी समय मिले शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को माता लक्ष्मी को इत्र एवं श्रृंगार की वस्तुएं भेट करें. इस उपाय से पति पत्नीं के बीच जहां प्रेम बढ़ेगा वहीं घर में धन एवं समृद्धि भी बरकरार रहेगी.

बुध नक्षत्र में जन्मे जातक हेतु :

यदि आपका जन्म बुधवार या बुध नक्षत्र को हुआ है तो आप बुधवार के दिन चमेली का तेल या चमेली के इत्र को पीपल के पेड़ पर छिड़के. इससे इस नक्षत्र के लोगों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.

रोजगार में वृद्धि हेतु :

दीपावली पर महालक्ष्मीजी की पूजा के समय मां को एक इत्र की शीशी चढ़ाएं. उसमें से एक फुलेल लेकर मां को अर्पित करें. फिर पूजा के पश्चात् उसी शीशी में से थोड़ा इत्र स्वयं को लगा लें. इसके बाद रोजाना इसी इत्र में से थोड़ा-सा लगा कर कार्य स्थल पर जाएं तो रोजगार में वृद्धि होने लगती है.

पर्स में रहेगी बरकत :

यदि आप चाहते हैं कि आपका पर्स हमेशा नोटो से भरा रहे तो आप अपने भूरे रंग के पर्स में दस रुपए के दो और 20 रुपए का दो नोट चंदन का इत्र लगाकर रखें.

आर्थिक हानि से बचने का उपाय :

यदि आपको अचानक धन का नुकसान होता है, तो आप सात शुक्रवार को किन्हीं सात सुहागिनों को अपनी पत्नी के माध्यम से लाल वस्तु उपहार में दें और यदि उपहार में इत्र भी हो तो इस प्रयोग तत्काल ही लाभ मिलता है.

ऑफिस में प्रभाव डालने हेतु :

यदि आप अपने ऑफिस के लोगों पर प्रभाव डालना चाहते हैं कि आप मोगरा, रातरानी या चंदन का इस्तेमाल करेंगे तो सभी आपसे खुश रहेंगे.

देवताओं को प्रसंन्न करने हेतु:

मंदिर में चंदन, कपूर, चंपा, गुलाब, केवड़ा, केसर और चमेली के इत्र का इस्तेमाल करने से देवी और देवता आपसे प्रसन्न रहते हैं.

प्रेम विवाह :

श्वेत वस्त्र धारण करके किसी भी देव-स्थल पर लाल गुलाब व चमेली का इत्र अर्पित करें. प्रेम-विवाह में लाभ होगा.

राहु के उपाय :

राहु की हरकतों को शांत करने के लिए जल में चंदन का इत्र डालकर उससे नहाएं. इससे राहु कुछ हद तक शुभ असर देने लगेगा. आपका बाथरूप और टॉयलेट एकदम साफ सुधरा है और उसका प्रभाव घर के अन्य किसी रूप में नहीं पड़ता है तो इससे भी राहु का अशुभ प्रभाव नहीं होगा.

अन्य लाभ

  1. यदि आप घर से किसी जरूरी काम के लिए बहार जा रहे हो तब आप को थोडा सा इत्र अपनी नाभि में लगाकर निकलना चाइये इससे आप के जरूरी काम में कभी धन की कमी नही होगी. और जिन लोगो से आप मिले गे वो सब आप की और आकर्षित होगे. क्युकी इत्र का छिडकाव शुक्र देव को अति प्रिय है. जिसके कारण आप को कोई कमी नही होगी.
  2. यदि आप को ज्यादा गुस्सा आता है और आप बात बात पर बहुत ज्यादा क्रोधित हो जाते है तो आपको चन्दन अथवा मोगरे का इत्र इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.क्योकि चन्दन व् मोगरा अत्याधिक ठंडा इत्र माना जाता है.जिसके कारण आप के शरीर की सभी धवनी शांत रहती है.अगर आपको माइग्रेन या सर दर्द से सम्बन्धित परेशानी रहती है.तो यह उपाय उसमे भी अत्यंत लाभकारी है
  3. यदि आप के साथ हमशा बुरा हो रहा है.साथ ही साथ आप जिस कार्य को भी करते है.वह कार्य किसी भी हालत में पूर्ण नही होता तो आप चन्दन का इत्र पानी में डाल कर स्नान करे और बाद में थोडा इत्र नाभि में लगाये आप के सभी कार्य शुभ होने लगेंगे क्योंकि अगर आप का कोई कार्य पूर्ण नही होता तो आप पर राहू की क्रूर द्रष्टि रहती है.राहु इत्र खुशबू से शांत हो जाते है |
  4. यदि पति पत्नी में सम्बन्ध अच्छे नही है.तो आप शुक्रवार वाले दिन साबूदाने की खीर बनाकर साथ बेठ कर खाए और इत्र का दान किसी मन्दिर में कर दे. इससे जल्द ही आप के सम्बन्ध अच्छे होने लगे गे.परन्तु हर रोज़ नाभि पर इत्र लगाना न भूले |
  5. यदि आप के घर में हर रोज परिवारिक मतभेद चल रहे हैतो हर रोज़ सुबह स्नान करके अपनी नाभि पर चन्दन का इत्र लगाकर पूरे  घर में चंदन या मोगरे के इत्र का छिडकाव करे.आप को कुछ ही दिन में फर्क नज़र आने  लगेगा

जानिए कैसे करें सुगंध का उपयोग : 

  • यदि आप सुगंध के रूप में धूपबत्ती या अगल बत्ती जला रहे हैं या घर में कहीं पर इत्र का उपयोग कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि सुगंध प्राकृतिक और हल्की होना चाहिए. बहुत तीखी सुगंध का विपरित असर हो सकता है. भीनी-भीन सुगंध ही असरकारक होती है.
  • यदि शरीर पर सुगंध का उपयोग कर रहे हैं तो कलाइयों पर, गर्दन के पीछे और नाभि पर लगाकर इसका उपयोग करें. अगर आप चाहें तो जल में भी सुगंध डालकर इससे स्नान कर सकते हैं.
  • विद्यार्थियों, अविवाहितों को केवल चंदन का इस्तेमाल करना चाहिए. काम करने या पूजा करने के पहले ही सुगंध का उपयोग करना चाहिए. कार्यस्थल या पूजा स्थल पर चंदन और गुग्गल की सुगंध का ही उपयोग करना चाहिए इससे कार्य और पूजा में मन लगा रहता है.
  • ध्यान करते वक्त भी इसी सुगंध का प्रयोग करना चाहिए. मानसिक तनाव को दूर करने और अच्छी सेहत के लिए अपने बैडरूम में और नहाने के दौरान गुलाब, रातरानी और मोगरे की सुगंध का उपयोग करना चाहिए. सोने के पहले अपनी नाभि पर चंदन या गुलाब की सुगंध लगाकर सो जाइये.
पंडित दयानन्द शास्त्री,
(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
Post By Shweta