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चार धर्म के चार दोस्तों की चार धाम यात्रा  

चार धर्म के चार दोस्तों की चार धाम यात्रा  

नजीबाबाद, 28 जून; मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना….यह पंक्ति इन चार दोस्तों और उनके परिवार के ऊपर बिलकुल सटीक बैठती है. हिन्दू,मुस्लिम, सिख, इसाई धर्म के चार दोस्त भाईचारे की मिसाल कायम कर रहे हैं.

नजीबाबाद के रहने वाले यह चारों मित्र अपने परिवार के साथ चार धाम की यात्रा पर निकले हैं. ऐसा कर ये लोग सभी को आपसी प्रेम, सम्मान और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दे रहे हैं.

केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पूरी करके रविवार को लौटे हाजी अब्दुल मलिक, रामनिवास पाल, प्रमोद मैसी, सरदार दिलबाग सिंह ने बताया कि अभी दो धाम की यात्रा करनी शेष है. अब वे यमुनोत्री व गंगोत्री की यात्रा की योजना बना रहे हैं. इनका कहना है कि एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करते हुए सभी लोग दूसरे धर्मों को सम्मान से देखें तो कही कोई फसाद और मनमुटाव हो ही नहीं सकता.

दूर-दूर फिर भी पास

दिलबाग सिंह बड़िया में खेती करते हैं. काजी अब्दुल मलिक नजीबाबाद के आदर्शनगर में रहते हैं. इनका निर्माण का काम हैं. प्रमोद कुमार मैसी नजीबाबाद के सुभाषनगर में रहते हैं. वे अब दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते हैं और परिवार के साथ वहीं रहते हैं. रामनिवास भी आदर्शनगर के निवासी हैं, लेकिन अब इनका दिल्ली में रेस्टोरेंट है. इन्होंने बताया कि इनका उद्देश्य भाईचारा कायम रखना है. वे देश और समाज के लोगों को भी संदेश देना चाहते हैं कि सभी एक साथ मिलकर रहें.

30 साल पुरानी है दोस्ती  
अब्दुल कादिर ने बताया कि चारों मित्रों के बीच 30 सालों से अटूट मित्रता है. चारों लोगों के परिवार ईद, दिवाली, क्रिसमस, वैसाखी व लोहड़ी साथ मिलकर मनाते हैं. बचपन से चारों साथ पढ़े और 30 साल बाद आज भी उनकी दोस्ती बरकरार है. इनकी दोस्ती आज पारिवारिक घनिष्ठता में बदल चुकी है. चारों के परिवार त्योहारों पर एक जगह मिलते हैं और सभी त्योहार साथ ही मनाते आ रहे हैं.

चारों दोस्तों में पक्की मित्रता तो है ही अब उनके परिवार के सदस्यों में भी खूब अपनापन है. घर महिलाएं हों या फिर उनके बच्चे सभी एक दूसरे से घनिष्ठता रखते हैं. जब भी वे साथ होते हैं लगता ही नहीं कि चार अलग-अलग अलग परिवार हैं.

Post By Shweta