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सपने क्यों आते है, सपनों का मतलब क्या हैं, जानिए हर सपने का भावार्थ, अच्छे और बुरे सपने का अर्थ

सपने क्यों आते है, सपनों का मतलब क्या हैं, जानिए हर सपने का भावार्थ, अच्छे और बुरे सपने का अर्थ

उपनिषदों के अनुसार आत्मचेतना में आत्मा की गति स्थूल कोषों से सूक्ष्म कोषों की ओर होती है। किन्तु वह सूक्ष्मतम आनन्दमय कोष में नहीं, बल्कि स्वयं आनन्दमय है।

इसी प्रकार चेतना की दृष्टि से आत्मा की चार अवस्थाएँ होती हैं…

(1) जाग्रत- जागने की स्थिति, जिसमें सब इन्द्रियाँ अपने विषयों में रमण करती रहती हैं।

(2) स्वप्न- वह स्थिति जिसमें इन्द्रियाँ तो सो जाती हैं, किन्तु मन काम करता रहता है और अपने संसार की स्वयं सृष्टि कर लेता है।

(3) सुषुप्ति- वह स्थिति, जिसमें मन भी सो जाता है, स्वप्न नहीं आता, किन्तु जागने पर यह स्मृति बनी रहती है कि, नींद अच्छी तरह आई।

(4) तुरीया- वह स्थिति, जिसमें सोपाधिक अथवा कोषावेष्टित जीवन की सम्पूर्ण स्मृतियाँ समाप्त हो जाती हैं।

जानिए सपने/स्वप्न-ड्रीम के सन्दर्भ में कुछ प्रसिद्ध घटनाएँ :

”दि अंडर-स्टैंडिंग आफ ड्रीम्स एंड देयर एन्फ्लूएन्सेस ऑन दि हिस्ट्री ऑफ मैन, हाथर्न बुक्स न्यूयार्क द्वारा प्रकाशित पुस्तक में एडाल्फ हिटलर के एक स्वप्न का जिक्र है, जो उसने फ्रांसीसी मोर्चे के समय सन् 1917 में देखा था। उसने देखा कि उसके आसपास की मिट्टी भरभराकर बैठ गई है, वह तथा उसके साथी लोहे में दब गये हैं – हिटलर बचकर भाग निकले, किंतु तभी बम विस्फोट होता है – उसी के साथ हिटलर की नींद टूट गयी। हिटलर अभी उठकर खड़े ही हुए थे कि सचमुच तेज धमाका हुआ, जिससे आसपास की मिट्टी भरभराकर ढह पड़ी और खंदकों में छिपे उनके तमाम सैनिक बंदूकों सहित दबकर मर गये। स्वप्न और दृश्य का यह सादृश्य हिटलर आजीवन नहीं भूले।

टीपू सुल्तान को अपने स्वप्नों पर आश्चर्य हुआ करता था, सो वह प्रतिदिन स्वप्न डायरी में नोट किया करता था। उनके सच हुए स्वप्नों के विवरण कुछ इस प्रकार हैं- ”रात को मैंने सपना देखा। एक वृद्ध पुरुष कांच का एक पत्थर लिए मेरे पास आए हैं और वह पत्थर मेरे हाथ में देकर कहते हैं- सेलम के पास जो पहाड़ी है उसमें इस काँच की खान है, यह कांच मैं वहीं से लाया हूँ। इतना सुनते-सुनते मेरी नींद खुल गई। टीपू सुल्तान ने अपने एक विश्वास पात्र को सेलम भेजकर पता लगवाया, तो ज्ञात हुआ कि सचमुच उस पहाड़ी पर काँच का भंडार भरा पड़ा है। इन घटनाओं से इस बात की पुष्टि होती है कि समीपवर्ती लोगों को जिस तरह बातचीत और भौतिक आदान-प्रदान के द्वारा प्रभावित और लाभान्वित किया जा सकता है, उसी तरह चेतना के विकास के द्वारा बिना साधना भी आदान-प्रदान के सूत्र खुले हुए हैं।

स्वप्न में मनुष्य की रुचि हमेशा से ही है। हमारे वेदों-पुराणों में भी स्वप्न के बारे में जिक्र किया गया है। 

प्राचीनकाल के हमारे वैदिक ग्रंथों में स्वप्न विज्ञान और उनके फलों पर विस्तार से व्याख्या की गई है। रात्रि को नींद में दिखाई देने वाले कुछ स्वप्न हमें शुभ फल देते हैं तो कुछ अशुभ। 

अग्नि पुराण में स्वप्न विचार और शकुन-अपशकुन पर भी विचार किया गया है। हमारे ऋषि-मुनियों के अनुसार सपनों का आना ईश्वरीय शक्ति का वरदान है और निद्रा की चतुर्थ अवस्था या रात्रि के अंतिम प्रहर में आए स्वप्न व्यक्ति को भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास कराते हैं। 

सपने हर किसी को आते है। हर सपनों का मतलब और उनका फल होता है। सपने 2 तरह के होते है एक वो जो हम सोने के बाद गहरी नींद में देखते है, दूसरा वो जो हम अपने सुनहरे भविष्य के लिए सोचते है। सपने वो है जो रियल नहीं होते है, बल्कि एक सोच है, जो हम चाहते है कि भविष्य में हमें मिल जाये। जो सपने हम नींद में देखते है वे कही न कही हमारी ज़िन्दगी से जुड़े होते है।

सपने में कई बार हम ऐसी घटना देखते है जो हमारे भूतकाल से जुड़ी हुई होती है, या फिर वो देखते है जो आने वाले भविष्य में होने वाला है। कई बार हम अपने जीवन में जैसी सोच रखते है, जैसे माहोल में रहते है वैसा ही रात को सपना देखते है। सपने हमेशा अधूरे नहीं रहते है, वे कई बार पुरे भी होते है, कभी सपने तुरंत पुरे होते है, तो कभी थोड़े समय बाद अपना असर देते है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर सपने का कोई न कोई मतलब और उनका अर्थ होता है| सपने हमारे आने वाले भविष्य का आइना है, वो हमें आने वाली मुसीबत के लिए पहले से चेतावनी देते है।

हमारे आदि ऋषि-मुनियों ने स्वप्न के मर्म को समझते हुए इनके ज्योतिषीय पक्ष के शुभा शुभ फलों के बारे में तो बताया, लेकिन यह पहेली अनसुलझी रह गई कि स्वप्न क्यों आते हैं और इनका मनोवैज्ञानिक आधार क्या है?

ज्योतिष शास्त्र मानता है कि सपने हमारे भविष्य का आइना होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर सपने का मतलब या अर्थ (Sapno ka Matlab) होता है। कुछ सपनें हमारे भविष्य से तो कुछ बीते हुए पल की कहानी कहते हैं। सपनों की व्याख्या या स्वप्न फल (Swapan Phal) के बारें में मत्स्य पुराण में विस्तार से बताया गया है। 

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जानिए कब और कौन से सपने होते हैं पूरे 

मत्स्य पुराण के अनुसार स्वप्न फल से जुड़ी अहम जानकारी निम्न है….

माना जाता है कि अगर अच्छा सपना देखें तो उसके बाद सोना नहीं चाहिए। अच्छे सपने के बाद उठकर भजन या चिंतन करना चाहिए और सबसे जरूरी अच्छे सपने किसी को नहीं बताना चाहिए। सूरज उगने से कुछ पहले अर्थात ब्रह्म मुहूर्त में देखे गए सपने का फल 10 दिनों में सामने आ जाता है। माना जाता है कि रात के पहले पहर में देखे गए सपने का फल एक साल बाद, दूसरे पहर में देखे सपने का फल 6 महीने बाद आता है। तीसरे पहर में देखे सपने का फल 3 महीने बाद और आखिरी पहर के सपने का फल एक महीने में सामने आता है। दिन के सपनों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

क्या करें जब बुरा सपना आए?

मत्स्य पुराण के अनुसार बुरा सपना आए तो निम्न उपाय करने चाहिए…

  • सबसे पहले तो बुरा सपना आए तो सुबह उठते ही किसी को जरूर बता देना चाहिए।
  • इसके बाद स्नान कर के शिवजी का ध्यान करते हुए तुलसी के पौधे को पानी देना चाहिए। पानी देते समय तुलसी के पौधे के सामने अपना सपना कह देना चाहिए।

यह हैं स्वप्न के सन्दर्भ में मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक वैवस्टर के अनुसार स्वप्न सोए हुए व्यक्ति के अवचेतन मस्तिष्क में चेतनावस्था के दौरान घटित घटनाओं, देखी हुई आकृतियों, कल्पनाओं व विचारों का अपरोक्ष रूप से चित्रांकन होना है।

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक फ्रॉयड के अनुसार हमारे दो मस्तिष्क होते हैं – पहला चेतन और दूसरा अवचेतन। हमारा जब चेतन मस्तिष्क सुप्तावस्था में होता है तो अवचेतन मस्तिष्क सक्रिय होना प्रारंभ होता है और इंसान के जीवन में घटी घटनाओं या निर्णयों के उन पहलुओं पर गौर करता है जिन पर चेतन मस्तिष्क में गौर नहीं कर पाता। नींद की चार अवस्था होती हैं। 

चौथी अवस्था में रेम सिद्धांत कार्य करता है। इसमें चेतन मस्तिष्क द्वारा उपेक्षित घटनाओं या अवस्थाओं का समेकित रूप होकर प्रतिकृति के रूप में सामने आते हैं। फ्रॉयड के ही अनुसार बुरे सपने आपको भावनात्मक अवसाद से बचाने के लिए आपका मनोबल बढ़ाते हैं और साथ ही भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास भी कराते हैं।

हमारी नींद कई चक्रों में बंटी होती है और हर चक्र कई चरणों में। हर चक्र की शुरुआत हल्की नींद से होती है। अंतिम 2 चरणों में गहरी नींद और रेम (रैपिड आई मूवमेंट) का नंबर आता है। हम हर रात 4 से 5 रेम पीरियड से गुजरते हैं। इनकी अवधि 5 से लेकर 45 मिनट तक की होती है। सारे सपने सिर्फ रेम पीरियड में ही दिखते हैं और सिर्फ स्तनधारियों को ही।

नींद की शुरुआत में रेम पीरियड काफी छोटा होता है, लेकिन जैसे-जैसे नींद की अवधि लंबी होती जाती है, रेम पीरियड की अवधि भी बढ़ती जाती है। यही वजह है कि हम ज्यादातर सपने सुबह या नींद के आखिरी चक्र में देखते हैं। इसी वजह से कई बार जब हमारी नींद सुबह में खुलती है तो हम रेम पीरियड में होते हैं और थोड़े समय पहले देखे गए सपने दिमाग में मौजूद रहते हैं। अक्सर जो बुरे सपने याद रहते हैं, वह भी सुबह के वक्त ही देखे गए होते हैं। इसकी एकमात्र वजह है रेम पीरियड में नींद का खुलना। रेम पीरियड के बाद नींद खुलने पर व्यक्ति को कुछ भी याद नहीं रहता है। न ही अच्छा न ही बुरा ।

चिकित्सकों का सामना अक्सर ऐसे मरीजों से होता रहता है, जो दु:स्वप्न के शिकार होते हैं। ऐसे लोगों की सामान्य रूप से डर और चिंता के मारे नींद खुलने की शिकायत होती है। नींद खुलने के पीछे अधिकतर का यही कहना होता है कि स्वप्न में वे किसी मृत या जिंदा (जाने-अनजाने) व्यक्ति को देखते हैं। ऐसी स्थितियों को साधारण लोग भूत-प्रेत या पिशाच से जोड़ देते हैं।

बार-बार दु:स्वप्न देखने को ड्रीम एंग्जाइटी डिसॉर्डर कहा जाता है। इसके इलाज की जरूरत होती है। ठीक तरह से इलाज न होने पर इनसे पारिवारिक-जीवन के लिए भी परेशानी पैदा होने का खतरा रहता है। दु:स्वप्न देखने की बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। महिलाओं में यह समस्या युवा अवस्था में शुरू हो जाती है ।

स्वप्न के सन्दर्भ में क्या कहता हैं ज्योतिषीय दृष्टिकोण 

ऐसा माना जाता है कि यदि कोई बुरा स्वप्न दिखाई दे, तो नींद खुलते ही अपने आराध्य को ध्यान करके पानी पी लेना चाहिए। इसके पश्चात् फिर सोना नहीं चाहिए। ऐसी मान्यता भी है कि दिन में दिखे स्वप्न निष्फल होते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनेक पुराणों एवम संहिता ग्रंथों में स्वप्नों के शुभाशुभ फल का विस्तृत वर्णन दिया गया है। 

कहते है सुबह का देखा हुआ सपना सच होता है। मुझे ये तो नहीं पता कि इस बात में कितनी सच्चाई है, लेकिन सपने में देखी गई हर चीज वस्तु, इन्सान, घटना का  कोई न कोई गहरा मतलब होता है| घटना को समझकर जितने अच्छे से हम उसके अर्थ को जानेगें उतना हम अपने अंदर की भावनाएं व् गहरे रहस्य को जान पायेंगें। अपने सपनों को समझने की क्षमता रखना एक शक्तिशाली उपकरण है। याद रखें आपके सपनों को आपके बेहतर कोई नहीं समझ सकता। कई बार ये सपनों में दिखाई दिए चिन्ह हमें चिंता में भी डाल देते है। सपने में देखी गई हर बात, उसमें दिखा इन्सान, जानवर, भावनाएं, मूड, रंग, जगह, हर चीज का मतलब होता हैं।

अनेकों बार स्वप्न के माध्यम से हमें भविष्य में होने वाली शुभ या अशुभ घटना का संकेत मिलता है।

ऐसे सपने होते हैं शुभ-फलदायक 

(1) स्वप्न में देव दर्शन, पितृ दर्शन, भाई-बहन और कुटुंबियों का दिखना शुभ माना जाता है।

(2) स्वप्न में स्वयं को मृतक देखना, सर्प द्वारा काटना, खून निकलना, स्वर्ग दर्शन, सर्प को मारना सूर्य चंद्र ग्रहण को देखना, सेना को देखना, वर्षा होते दिखाई देना मनोरथ पूर्ण होने के संकेत करता है।

(3) यदि आप स्वप्न में स्वयं को मल में लिपटा हुआ पाते हैं या सांप ने आपको काट लिया है, तो इसका मतलब है कि आपको धन की प्राप्ति होगी। सपने में आपके सिर पर सांप काट ले, तो आप राजा तक बन सकते हैं ।

(4) स्वप्न में मृत्यु, शमशान में अंत्येष्टि, शव आदि दिखाई देते है तो शुभ-लाभ, उन्नति और मनोरथों की प्राप्ति होती है।

(5) स्वप्न में मृत्यु देखना, लाश देखना, पाखाना देखना आदि शुभ एवं हाथी या घोड़े द्वारा पीछा करना कोई बडा सम्मान या पदोन्नति दिलाता है।

(6) स्वप्न में सुंदर स्त्री या अप्सरा देखना प्रेमी या प्रेमिका से मिलाप कराता है।

(7) स्वप्न में दांत टूटना या नाखून काटना कर्ज से मुक्ति, ट्रेन दिखना यात्राकारक, बाग-बगीचा या हराभरा मैदान देखना, चिंता से मुक्ति दिलाता है।

(8) स्वप्न में अपने को उड़ता देखना- यह आत्मविश्वास या स्वतंत्रता एवं मोक्ष का दर्शन है। आधुनिक विचारधारा इसे असाधारण क्षमता के प्रतीक के रूप में देखती है।

(9) यदि स्वप्न में कबूतर दिखाई दे तो यह शुभ समाचार का सूचक है।

(10) यदि स्वप्न में कोई व्यक्ति अपनी खोई हुई वस्तु प्राप्त करता है तो उसे आगामी जीवन में सुख मिलता है ।

(11) यदि स्वप्न में व्यक्ति खुद को पर्वत पर चढ़ता पाए, तो उसे एक दिन सफलता निश्चित मिलती है।

(12) यदि स्वप्न में भंडारा कराते देखे तो व्यक्ति का जीवन धनधान्य से पूर्ण रहेगा।

(13) यदि आप स्वप्न में किसी बच्चे को गोद में लेते है तो स्वप्न शुभ फलदायक होता है, आपको भविष्य में जुए, लॉटरी या सट्टे से बगैर कमाए ही धन मिल सकता है।

(14) यदि आप अभी कुंवारे है, आप स्वप्न में देखते है कि कोई हथियार आपके सामने फर्श पर पड़ा हुआ है, इसका फल बहुत ही शुभ है अर्थात आपको आने वाले समय में शीघ्र ही जीवन साथी मिलने वाला है।

ऐसे सपने/स्वप्न होते हैं अशुभ-फलदायक

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से निम्न स्वप्नो का अशुभ फल प्राप्त होता है….

(1) यदि स्वप्न में किसी व्यक्ति को सांप दिखाई देते हैं तो निश्चित ही उसकी कुंडली में काल-सर्प योग होगा। सोते हुए सर्प को अपने शरीर की तरफआते देख घबरा जाना कुंडली में काल-सर्प योग का प्रतीक होता है।

(2) यदि स्वप्न में कोई व्यक्ति खुद को चावल खाते देखें या चावल दिखाई देने पर व्यक्ति को कड़ी मेहनत के बाद भी बहुत कम धन प्राप्त होता है।

(3) यदि कोई व्यक्ति सपने में खोटा सिक्का प्राप्त करता है तो इसका मतलब यही है कि निकट भविष्य में आपको धन की हानि हो सकती है। घर की सुख-समृद्धि बुरी तरह प्रभावित होगी।

(4) यदि स्वप्न में व्यक्ति खुद को रोटी बनाता देखे, तो यह रोग का सूचक है।

(5) स्वप्न में विकराल देवताओं के दर्शन, पिशाच और राक्षसी, नरक दृश्य, बर्फ गिरते देखना अशुभ माना गया है।

(6) स्वप्न में पानी में डूब जाना, बराती देखना, शराब पीना, सुंदर स्त्री को पाना, वृक्षों को काटना, विष खाना आदि देखने का फल अशुभ होता है ।

(7) स्वप्न में कबूतर, कौवा, गिद्ध, विद्युत, दिखाई देना, काला वस्त्र धारण करना, हंसना, अंगारे, भस्म, हंसता हुआ संन्यासी नदी का सूखना, गीत गाना, कीचड और घी का दिखना अशुभ माना गया है ।

(8) स्वप्न में यदि कुत्ता काटे या आप ऊंचाई से गिर रहे हो तो मानहानि या किसी अन्य रुप में कष्ट संभव हैं ।

देव द्विज श्रेष्ठ वीर गुरू वृहद तपस्विन:।

यद्वदन्ति नरं स्वप्ने सत्य मेविति तद्विदु।

यदि सपने में वेद अघ्ययन देखा तो श्रेष्ठ है। देव, ब्राह्मन, श्रेष्ठ वीर, गुरू, वृहद तपस्वी जो कुछ आपको स्वप्न में कहें उसे सत्य मानें।

सूर्योदय से कुछ पहले अर्थात ब्रह्म मुहूर्त में देखे गए सपने का फल दस दिनों में सामने आ जाता है। रात के पहले पहर में देखे गए सपने का फल एक साल बाद, दूसरे पहर में देखे सपने का फल छह महीने बाद, तीसरे पहर में देखे सपने का फल तीन महीने बाद और आखिरी पहर के सपने का फल एक महीने में सामने आता है।

स्वप्न के सन्दर्भ में स्वप्न ज्योतिष के अनुसार स्वप्न चार प्रकार के होते हैं

पहला दैविक, दूसरा शुभ, तीसरा अशुभ और चौथा मिश्रित। दैविक व शुभस्वप्न कार्य सिद्ध की सूचना देते हैं। अशुभ स्वप्न कार्य असिद्धि की सूचना देते हैं तथा मिश्रित स्वप्न मिश्रित फलदायक होते हैं। यदि पहले अशुभ स्वप्न दिखे और बाद में शुभ स्वप्न दिखे तो शुभस्वप्न के फल को ही पाता है। अगर आपको लगातार बुरे सपने आते हों तो उसके अशुभ फल से बचने के लिए यह उपाय आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं…

(1)- बुरे स्वप्न को देखकर यदि व्यक्ति उठकर पुन: सो जाए अथवा रात्रि में ही किसी से कह दे तो बुरे स्वप्न का फल नष्ट हो जाता है।

(2)- सुबह उठकर भगवान शंकर को नमस्कार कर स्वप्न फल नष्ट करने के लिए प्रार्थना कर तुलसी के पौधे को जल देकर उसके सामने स्वप्न कह दें। इससे भी बुरे सपनों का फल नष्ट हो जाता है।

(3)- धर्म शास्त्रों के अनुसार रात में सोते समय अपने आराध्य का स्मरण करने से भी बुरे सपने नहीं आते ।

हनुमान चालीसा में एक दोहा है…

भूत पिशाच निकट नहीं आवे…। मिथकीय संदर्भ में देखें तो हनुमान को ऐसे रूप में दर्शाया गया है जिसे प्राणायाम और उससे जुड़ी दूसरी सिद्धियों पर अधिकार प्राप्त है। दोहे का मूल अर्थ यह है कि प्राणायाम आदि से खुद को जोड़ कर इन व्याधियों से मुक्ति पाई जा सकती है।

।।शुभमस्तु।।

।।कल्याण हो।।

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पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
मोब. 09669290067 (मध्य प्रदेश) एवं 09024390067 (राजस्थान)
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