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ज्योतिष : 31 मई 2020 (रविवार) से बदलेगी ग्रहों की चाल

31 मई 2020 (रविवार) से बदलेगी ग्रहों की चाल

  • मध्यवर्ती एवम पश्चिम क्षेत्रों में तेज हवा के बूंदाबांदी/बारिश की संभावना
  • बदली चल के कारण लूटपाट, डकैती एवम चोरी की घटनाओं में वृद्धि सम्भावित
  • आध्यात्मिक चेतना जागृत होकर प्रार्थना, हवन, पूजन पाठ आदि में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

आज से अर्थात 31 मई 2020 के बाद से ग्रहों की चल बदलने वाली हैं। इस अवधि में तेज हवाओं के साथ बारिश के योग भी बन रहे हैं। ग्रहों की इस बदली चल के कारण लूटपाट, डकैती एवम चोरी की घटनाओं में वृद्धि सम्भावित हैं। हस्त नक्षत्र से चित्रा (मंगल के नक्षत्र में) प्रवेश से ग्रहों नक्षत्रों की चाल बदल जाएगी।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि 31 मई 2020 की रात्रि में शुक्र, वृषभ राशि मे अस्त हो रहा हैं जिसके प्रभाव स्वरूप भारत मे मध्यवर्ती एवम पश्चिम क्षेत्रों में तेज हवा के बूंदाबांदी/बारिश की संभावना बन रही हैं। शुक्र के अस्त होने एवम आकाश में पूर्व में ही निर्मित  बुध राहु की युति के फलस्वरूप आमजन में अशांति एवम भय की स्थिति बनी रहेगी। इसके साथ साथ चोरी, डकैती एवम लूटपाट की घटनाओं में भी वृद्धि संभावित हैं।



3 जून 2020(बुधवार) को मंगल के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश के साथ है गेहूं, दाल दलहन जैसे खाद्यान्न के भावों में तेजी आएगी। इसके साथ ही पश्चिमी भारत के मौसम में परिवर्तन देखने को मिलेगा टिड्डियों से राहत सम्भव। भीषण गर्मी से राहत संभावित।

30 जून 2020 तक देवगुरु वृहस्पति के नीच राशि में भ्रमण के साथ शनि की युति बनने से सत्ताधारियों में  वैचारिक मतभेद के कारण आमजनता को कष्ट, पीड़ा, दुःख में वृद्धि, सैन्य गतिविधियों में तेजी, भारत के तटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक प्रकोप, हिंसक आंदोलन ,हड़ताल, बन्द जैसी परिस्थिति सम्भव।

इस समय शनि एवम गुरु की युति सैन्य गतिविधियों के साथ आतंकी घटनाओं में वृध्दि कर सकती हैं। 21 जून 2020 (रविवार)  को होने वाले कंकण कृति सूर्यग्रहण के प्रभाव से रोगों में वृद्धि, खाद्यान्न की कीमत में तेजी होगी।

इस समय गुरु एवम शनि की युई के फलस्वरूप लोगों में आध्यात्मिक चेतना जागेगी।योग, ध्यान आदि  सीखने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। विभिन्न सामाजिक एवम धार्मिक संगठनों का विस्तार होगा। लोगों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। अचानक आध्यात्मिक चेतना जागृत होकर प्रार्थना, हवन, पूजन पाठ आदि में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।



जून से 29 सितम्बर तक मकर राशि का वक्री शनि रहने से भूकम्प, भूस्खलन, महंगाई में वृद्धि,फसलों को नुकसान, प्राकृतिक प्रकोप, हिंसा एवम हवाई दुर्घटना की सम्भवना बना रही हैं। इस समय भारत का विश्व व्यापी प्रभाव बढ़ेगा। पश्चिमी देशों से मदद मिलेगी। ये देश भारत की नीतियों एवम व्यवस्थाओं से प्रभावित ओर  प्ररित होंगें।

26 जुलाई 2020 से जब मंगल का चित्रा नक्षत्र प्रभावी होगा तब,भारत के उत्तर में स्थित पड़ोसी देशों की तरफ सैन्य संघर्ष सम्भावित।

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Post By Religion World