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काशी में इफ्तार से जीवित है गंगा-जमुनी विरासत

वाराणसी, २ जून; धर्म और संस्कृति के शहर बनारस में वैसे तो हर साल कई मुस्लिम परिवार हिन्दू परिवारों को बुलाकर रमजान के पाक महीने में अपने घर में रोजा इफ्तार कराते हैं. पर यहां एक मुस्लिम महिला ऐसी भी है जो बीतें चार सालो से इफ्तार की दावत में मुस्लिम और हिन्दू बहनों को बुलाकर इफ्तार करा रही हैं वो भी गाय के दूध से।

इस महिला का नाम है शबाना आफ़ताब. इनसे जब इस बारे में बात की गयी तो उन्होंने कहा, कि रमज़ान का महीना पाक और पवित्र माना जाता है और मुझे ऐसा लगा कि इस समय की यदि पूरी तरीके से सिर्फ शाकाहारी चीजों से रोजा खोला जाए तो क्या बुरा है. वह आगे यह भी कहती हैं की चार साल पूर्व उन्हें एक ख्वाब आया जिसमें उन्हें यह सन्देश मिला कि वह पूरे एक महीने अपने घर पर रोजा-इफ्तार की दावत के दौरान लोगों को गाय का दूध पिलाएं।

लेकिन शबाना के लिए इसकी शुरुआत करना आसान नहीं रहा. शबाना बताती हैं गाय के दूध से रोजा खोलने की बात सुन लोग उन्हें ताने मारते थे. लोगों ने उनसे यह तक कह दिया कि वो ऐसा एक विशेष कौम को प्रसन्न करने के लिए करती हैं. इतना सुनने के बाद भी शबाना अफताब ने हार नहीं मानी और आज वह खुद को काफी गौरवान्वित महसूस करती हैं क्योंकि आज सर हिन्दू परिवार से नहीं मुस्लिम परिवार से भी लोग रोज़ा इफ्तार खोलने उनके घर पर आते हैं. और सबसे बड़ी बात गाय के दूध से ही अपना रोज़ा खोलते हैं.

Post By Religion World