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रमज़ान में अच्छे कामों से बनी ये मिसाल

बिजनौर, ११ जून; देश में टॉयलट एक सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है। और अब तो इसपर एक फिल्म भी आ रही है। लेकिन टॉयलट की चाह ने कैसे एक गांव को सबका चहेता बना दिया इसकी मिसाल बना यूपी का एक गांव। उत्तर प्रदेश के बिजनौर के एक गांव में रमजान के खास महीने में गांववालों ने एक मिसाल कायम की है। गांववालों ने टॉयलेट बनाने के लिए मिल रही वित्तीय सहायता को सरकार को वापस कर दिया। और स्वयं से पैसा इकठ्ठा करके अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाया है।
बिजनौर के एक मुस्लिम बहुल गांव मुबारकपुर कलां में लोगों ने अपने पैसे इकट्ठा कर सार्वजनिक टॉयलेट बनवाए हैं. वहीं इस काम के लिए गांव वालों ने 17.5 लाख रुपए की सरकारी मदद लेने से भी इंकार कर दिया एक गांव या. इंस्पेक्शन के बाद गांव को अब ‘खुले में शौच से मुक्त’ घोषित कर दिया गया है.
इस गांव में 661 परिवार रहते हैं, 3,500 की जनसंख्या वाले इस गांव में केवल 146 घरों में टॉयलेट थे. बाकी के परिवार खुले में ही शौच जाते थे. जब गांव के प्रधान किश्वर ने टॉयलेट का प्रपोजल प्रशासन को भेज दिया और प्रशासन द्वारा 17.5 लाख रुपए प्रधान के जॉइंट बैंक अकाउंट में डाले गए. मगर इस मदद को लेने से गांव वालों ने इंकार कर दिया.
गांव वालों के अनुसार, ‘यह रमजान का महीना है और अच्छे कामों के लिए मदद ली नहीं, दी जाती है. घरों में शौचालय बनाना अच्छा काम है और हम यह खुद करेंगे.’ सीडीओ ने कहा, ‘यह पहला गांव है जिसने टॉयलेट बनवाने के सरकारी पैसे को मना कर दिया है. मुबारकपुर कला के लोगों ने हम सभी के लिए एक मिसाल पेश की है.’

Post By Religion World