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महाशिवरात्रि पर्व कब मनावें?

महाशिवरात्रि पर्व कब मनावें? 

  •  शास्त्रार्थ मंथन व निष्कर्ष

शिवरात्रिव्रतं नाम सर्वपाप प्रणाशनम्।

आचाण्डालमनुष्याणां भुक्तिमुक्ति प्रदायकम्॥

शास्त्रानुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्री होती है। – 

”फाल्गुनकृष्णचतुर्दशी शिवरात्रि:”

(निर्णयसिन्धु:, परिच्छेद २)

इस प्रसंग में कुछ आचार्य प्रदोष व्यापिनी तो कुछ निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी में महाशिवरात्री मानते हैं। अधिक वचन निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी के पक्ष में ही प्राप्त होते हैं। विशेष बात यह है कि जहाँ प्रदोष व्यापिनी की चर्चा है, वहाँ भी प्रदोष का अर्थ रात्रिकाल ही लिया गया है।

प्रदोषव्यापिनी ग्राह्या शिवरात्रिश्चतुर्दशी।

रात्रौ जागरणं यस्मात्तस्मात्तां समुपोषयेत्॥

”अत्र प्रदोषो रात्रिः”

इस वर्ष तिथि त्रयोदशी तथा चतुर्दशी दोनों दिन निशीथ व्यापिनी चतुर्दशी प्राप्त होने से दिनद्वय अर्थात् दो दिन महाशिवरात्रि व्रत का योग है।

अब आइये, शास्त्रों के तथ्यों के आधार पर मंथन कर, विवेक पूर्वक निर्णय करते हैं।

निर्णयसिन्धु के अनुसार शिवरात्रि व्रत व जागरण हेतु कहा गया है कि यदि त्रयोदशी के दिन सूर्यास्त के समय पर चार घड़ी तक चतुर्दशी आ जाय तो शिवरात्रि व्रत व जागरण करना चाहिये।

त्रयोदश्यस्तगे सूर्य चतसृष्वेव नाडिषु।

भूतविद्धा तु या तत्र शिवरात्रिव्रतं चरेत्॥

(निर्णय सिन्धु, परिच्छेद २)

स्कन्द पुराण में भी उपरोक्त श्लोक का भाव स्पष्ट रूप से कहा गया है। स्कन्देऽपि-

भवेदत्र त्रयोदश्यां भूतव्याप्ता महानिशा।

शिवरात्रिव्रतं तत्र कुर्यात्जागरणं तथा ॥

त्रयोदशी यदा देवी दिनयुक्ति प्रमाणतः।

जागरे शिवरात्रि:स्मानिशि पूर्णा चतुर्दशी।

जयन्ती शिवरात्रिश्च कार्ये भद्राजयान्विते॥ (स्कन्दपुराण)

निर्णयसिन्धु आदि धर्मशास्त्रीय उक्त वचनों के अनुसार इस वर्ष दिनांक 13/02/18 को चतुर्दशी का आरम्भ रात्रि 10 बजकर 22 मिनट से हो रहा है तथा इसकी समाप्ति अग्रिम दिनांक 14/02/18 की रात्रि लगभग 12.17 मिनट पर हो रही है। अतः ”एकैक व्याप्तौ तु निशीथ निर्णय:” इस वचन के अनुसार चतुर्दशी 13 फरवरी को निशीथ काल एवं 14 फरवरी को प्रदोष काल में प्राप्त हो रही है।

निष्कर्ष: वैदिक यात्रा शोध-केन्द्र द्वारा प्रमाणित किया जाता है कि इस वर्ष (वि. सं २०७४) 13 फ़रवरी 2018 को पूर्ण रूप से निशीथ व्यापिनी है, जबकि 14 फ़रवरी को 24घ.—13मिनट से 24घ.—47मिनट तक निशीथकाल के एकदेश (आंशिक) को व्याप्त है। “परेद्यु: प्रागुक्तार्धरात्रस्यैकदेशव्याप्तौ पूर्वेद्यु:” आदि शास्त्रीय व उपरोक्त शास्त्र निर्देशानुसार यह व्रत 13 फ़रवरी, मंगलवार, 2018 ई. के दिन ग्राह्य होगा।

विशेष: [पंजाब, हरियाणादि उत्तर भारत में 13/14 फ़रवरी को निशीथकाल लगभग 24घ.—13मिनट से 25घ.—05मिनट तक रहेगा] जबकि पूर्वी भारत में जहाँ स्थानीय रात्रिमान के अनुसार निशीथकाल 24घ.—47मिनट तक समाप्त हो जायगा। अर्थात् चतुर्दशी तिथि निशीथव्यापिनी होगी, वहाँ शिवरात्रि 14 फ़रवरी 2018 को भी मनाया जा सकेगा।

महाशिवरात्रि पर्व की अशेष मंगलकामनायें. . .

 

 

 

 

 

भागवताचार्य अनुरागकृष्ण शास्त्री

वैदिक यात्रा परिवार

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